हरिद्वार। नगर कोतवाली क्षेत्रान्गर्त रविवार देर रात चंडीघाट पुल के पास गड्ढा पार्किंग में एक-एक कर 16 दोपहिया वाहन जल गए थे। वहीं भेल क्षेत्र में एक कांवड़िए की बाइक आग का गोला बन गई। गनीमत रही कि कांवड़ियों ने कूदकर खुद को सुरक्षित किया। पहली घटना चंडीघाट पुल के पास गड्ढा पार्किंग की है। देर रात पार्किंग में खड़े एक दोपहिया वाहन ने आग पकड़ ली। देखते देखते आग ने आस पास खड़े वाहनों को भी चपेट में ले लिया। घटना से अफरातफरी मच गई। सूचना मिलने पर दमकल वाहन जब तक मौके पर पहुंचा तब तक आग विकराल रूप ले चुकी थी। चंद मिनटों में ही करीब 16 दोपहिया वाहन आग की भेंट चढ़ गए। दमकल महकमे ने आग पर जैसे तैसे काबू पाया लेकिन वाहन जल चुके थे लेकिन आसपास खड़े अन्य दोपहिया वाहन की तरफ आग को बढ़ने से रोका जा सका। एफएसओ प्रताप सिंह राणा ने बताया कि 16 वाहन जल गए थे लेकिन अन्य वाहनों को जलने से बचा लिया गया। उधर, भेल के फाउंड्री गेट के पास से गुजर रहे कांवड़ियों की चलती बाइक में अचानक आग गई। कांवड़ियों ने तुरंत बाइक से कूदकर खुद को सुरक्षित किया। देखते ही देखते बाइक चंद मिनट में जलकर खाक हो गई। भेल के दमकल महकमे का वाहन मौके पर पहुंचा,लेकिन तब तक बाइक स्वाहा हो चुकी थी। आग लगने का कारण वाहनों का गर्म होना माना जा रहा है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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