हरिद्वार। विजय मर्चेन्ट ट्राफी के लिए जनपद हरिद्वार के अंडर 16 पुरूष वर्ग के क्रिकेट खिलाड़ियों के पंजीकरण के पहले दिन 25 खिलाड़ियों ने पंजीकरण कराया। खिलाड़ियों का पंजीकरण दो अगस्त तक किया जाएगा। क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ हरिद्वार के अध्यक्ष नीरज कुमार एवं सचिव इन्द्रमोहन बड़थ्वाल ने जानकारी देते हुए बताया कि पंजीकरण के लिए खिलाड़ी का जन्म 1 सितम्बर 2006 से 31 अगस्त 2008 के मध्य हुआ है। पंजीकरण के लिए खिलाड़ियों को कम्प्यूटराईज जन्म प्रमाण पत्र, तीन वर्ष के शैक्षिक प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, वर्तमान स्कूल का बोनोफाईड प्रमाण पत्र, एक पासपोर्ट साईज फोटो, सभी मूल प्रमाण प्रमाण पत्रों के साथ प्रमाण पत्रों की फोटो कापी लाना आवश्यक है। एसोसिएशन के अध्यक्ष नीरज कुमार ने बताया कि खिलाड़ियों का जिला स्तरीय ट्रायल 3 से 10 अगस्त के मध्य किया जाएगा। क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड के दिशा निर्देशों के अनुसार जिला स्तर पर चयनित खिलाड़ियों का जोनल ट्रायल 14,15 व 16 अगस्त को तथा फाईनल ट्रायल 18,19 व 20 अगस्त को देहरादून में आयोजित किया जाएगा। जनपद हरिद्वार के इच्छुक खिलाड़ी जो अंडर 16 में पंजीकरण कराना चाहते है,वे एसोसिएशन के सचिव इन्द्रमोहन बड़थ्वाल से संपर्क करें।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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