हरिद्वार। डॉ0हिमांशु द्विवेदी- भेल ने वर्षाे से खाली पड़ी दुकानों के टेंडर निकाल तो दिय पर अंतिम तारीख 19 जुलाई तक किसी ने भी एक भी टेंडर नहीं भरा। इस पर टेंडर भरने के अंतिम तिथि तक एक भी टेंडर न मिलने की दशा मे भेल प्रबंधिका ने टेंडर भरने की तिथि 29 जुलाई तक बढ़ा दी है। और टेंडर खोलने की तिथि 30 जुलाई ही है। 20 वर्ष पूर्व तीन चार दुकानों के टेंडर किये गए थे। जो व्यापार न चलने के कारण बंद हो चुकी थी और दुकाने छोड़ व्यापारी चले गए थे ।वहीं जिन दुकानों का टेंडर निकाला गया है उन दुकानों की हालत जर्जर है और जिन दुकानों की छत का टेंडर निकाला गया वह 44 वर्ष पुरानी दुकाने है। एक व्यापारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जिन दुकानों की छत भेल किराये पर उठाना चाहता है उसको भेल के सिविल विभाग ने दो मंजिल निर्माण के योग्य नही माना था। फिर अब दो मंजिल निर्माण के कीअ कैसे योग्य हो गई।भेल की माली हालत किसी से छिपी नही है। भेल अपनी दुकानों की मरम्मत भी वर्षाे से नही कर रहा है।इसी कारण दुकानों की हालत जर्जर हो चली है। भेल ने मोबाइल टावर, एटीएम एवं 21दुकानों के साथ साथ एक रूफ रेस्टोरेंट का भी टेंडर निकाला है।बताते चलें कि भेल की उपनगरी मे अधिकांश मकान खाली पड़े है। और कर्मचारिओं की संख्या भी अब सीमित हो चली है जिस कारण भेल के दुकानों के व्यापार मे भारी गिरावट आई है। इस कारण कुछ दुकानदारों ने लंबे समय तक किराया न देते हुए दुकाने छोड़ दी ओर कुछ छोड़ने की योजना बना रहे हैं। इस बावत जब भेल के व्यापारियों से बात हुई तो उन्होंने बताया कि भेल मे घटती कर्मचारिओं की संख्या ही मुख्य कारण है। वहीं जिन दुकानों का टेंडर किया गया है वह काफी समय से बंद रहने के कारण जर्जर भी हो चली है। वहीं भविष्य मे भेल दुकानदारों के साथ नया अनुबंध करने की योजना बना रहा है। जिसके तहत दुकानों का किराया चार से पांच गुना तक बढ़ाया जा सकता है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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