हरिद्वार। पंचक खत्म होने से पहले धर्मनगरी में लाखों की संख्या में कांवड़िए पहुंच गए हैं। धर्मनगरी कांवड़ियों के रंग में रंगी दिखाई दे रही है। हरकी पैड़ी के आसपास बाजारों में भोले के जयकारों के साथ ही भगवा रंग पहने कांवड़िए ही नजर आए। मंगलवार शाम को हरियाणा से कांवड़ियों के ग्रुप धर्मनगरी पहुंच गए हैं। जिला प्रशासन के मुताबिक मंगलवार को 18 लाख कांवड़िए हरिद्वार पहुंचे। बुधवार को पंचक खत्म हो रहे हैं। जिसके बाद धर्मनगरी में भारी भीड़ बढ़ने शुरू हो जाएगी। मंगलवार देर शाम को लाखों कांवड़िए हरिद्वार पहुंचे और उन्होंने हरकी पैड़ी समेत आसपास के बाजारों में जमकर खरीदारी की। डाक कांवड़ लेकर आए लोगों के वाहन पुलिस ने बैरागी में पार्क कराए, जबकि कुछ वाहनों को उत्तरी हरिद्वार स्थित पंतदीप पार्किंग में लाया गया था। कांवड़ बाजार में भी जमकर भीड़ दिखाई दी। हरकी पैड़ी गंगा आरती में कावड़ियों की भीड़ दिखाई दी। कांवड़ सेल के प्रभारी बीएल भारती ने बताया कि देर शाम तक 18 लाख कांवड़िए हरिद्वार पहुंचे। बताया कि अभी तक 48.70 लाख कांवड़िए धर्मनगरी से अपने गंतव्य को रवाना हो चुके है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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