हरिद्वार। जिला बार संघ के पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र पाल सिंह विर्क की हत्या करने वाली पत्नी रिचपाल कौर को चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश रितेश कुमार श्रीवास्तव ने आजीवन कारावास एवं 50000 जुर्माने की सजा सुनाई है। न्यायालय ने अभियुक्त की भाभी सोनी को साक्ष्य अभाव में दोषमुक्त कर दिया है। शासकीय अधिवक्ता नीरज गुप्ता ने बताया कि हत्या 11/12 अप्रैल 2015 की रात को हुई थी और 12 अप्रैल 2015 को कश्मीरा सिंह पुत्र जोगा सिंह निवासी सहदेवपुर ने ज्वालापुर कोतवाली में एक मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें कहा था कि सुबह करीब 11ः00 बजे शमशेर सिंह ने सूचना दी थी कि उनके पड़ोसी अधिवक्ता सुरेंद्र पाल सिंह विर्क निवासी सुभाष नगर ज्वालापुर की हत्या उनके घर पर रात के समय कर दी गई है। इस पर कश्मीरा सिंह ने सुभाष नगर आकर देखा तो सुरेंद्र पाल सिंह का शव बिस्तर पर पड़ा था तथा उनके चेहरे एवं छाती पर चोटों के गंभीर निशान थे। जिस पर उन्होंने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ सुरेंद्र पाल सिंह विर्क की हत्या करने के संबंध में ज्वालापुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने सुरेंद्र पाल सिंह की पत्नी व उसके मायके वालों पर भाई की हत्या करने का शक भी जाहिर किया था। पुलिस ने जांच के बाद अधिवक्ता की पत्नी रिचपाल कौर एवं उसकी भाभी सोनी के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था। मुकदमे में अभियोजन पक्ष की ओर से 12 गवाहों के बयान कराए गए वादी पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश कुमार सिंह एवं बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद न्यायालय ने रिचपाल कोर को अपने पति की हत्या करने का दोषी पाया है। जबकि सोनी को साक्ष्य अभाव में बरी कर दिया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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