हरिद्वार। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि श्रावण मास भगवान शिव को अत्यन्त प्रिय है। श्रावण में महादेव शिव की आराधना, पूजन का विशेष महत्व है। श्रावण में शिव आराधना करने वाले भक्तों को विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है। नीलधारा तट स्थित श्री दक्षिण काली मंदिर परिसर में सावन पर्यन्त चलने वाली विशेष शिव अनुष्ठान के दौरान श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि पूर्ण विधि विधान से अभिषेक व पूजन करने से भगवान शिव अत्यन्त प्रसन्न होते हैं और श्रद्धालु भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। अत्यन्त दयालु व कृपालु भगवान शिव भक्तों में किसी प्रकार का भेद नहीं रखते और सभी पर समान रूप से कृपा बरसाते हैं। देवों के महादेव भगवान शिव बेहद भोले हैं। इसलिए उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है। उन्होंने कहा कि कांवड़ मेला सनातन धर्म का प्रमुख पर्व है। विश्व की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा कांवड मेला विश्व में सनातन धर्म व भारतीय संस्कृति का गौरवमयी स्वरूप प्रस्तु करता है। शिव भक्त कांवड़ियों को संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्करसिंह धामी द्वारा कांवड़ियों के चरण धोना तथा सरकार व प्रशासन द्वारा कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा किए जाने से सनातन धर्म के प्रति सकारात्मक संदेश समाज में गया है। सभी को अपनी सामर्थ्यानुसार कांवड़ियों को स्वागत सत्कार करना चाहिए। इस अवसर पर स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी, स्वामी रघुवीरानन्द,स्वामी विवेकानंद ब्रह्मचारी,स्वामी कृष्णानंद ब्रह्मचारी,महंत लालबाबा, बाल मुकुंदानंद ब्रह्मचारी,स्वामी अनुरागी महाराज,पुजारी सुधीर पाण्डे सहित सैकड़ों श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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