हरिद्वार। वरिष्ठ अधिवक्ता व अधिवक्ता परिषद उत्तराखंड महामंत्री अनुज कुमार शर्मा ने कहा है कि संयम मनुष्य के जीवन में सफलता की पूंजी है। क्योंकि निरंतर मेहनत व लगन के बल से कार्य करने पर सफलता मिलेगी। प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में संयम का पालन करना चाहिए। वे यहां पथरी क्षेत्र में फेरुपुर रामखेड़ा में मंगलवार को आयोजित अधिवक्ताओं की गोष्ठी में बोल रहे थे। महामंत्री अनुज कुमार ने बताया कि विधि व्यवसाय समाज सेवा के साथ असहाय व निर्धन व्यक्ति को न्याय प्रदान करने का कार्य करता है। भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों की संख्या अधिक हैं, साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा व विकास भी देरी से पहुंचा है। इसलिए वहां अपने संवेधािनक संवैधानिक व कानूनी अधिकारों की जानकारी का अभाव विद्यमान है। ऐसी स्थिति में अधिवक्ता समाज को चाहिए कि वह ग्रामीण क्षेत्रों में समय-समय पर कानूनी जागरूकता शिविरों का आयोजन करें। लेकिन इस भौतिकतावादी युग में हम खासकर हमारी युवा पीढ़ी अल्प समय व बिना परिश्रम किए थोड़े समय में सम्मान व धन कमाने की लालसा में लगे हुए हैं, जोकि चिरस्थायी नहीं है। संयम व परिश्रम से कमाया गया सम्मान व धन ही स्थायी रूप से ठहरता है। उन्होंने कहा कि अधिवक्ता का व्यवसाय भी संयम व मेहनत का परिचायक होता है, इसलिए अधिवक्ता को सदैव आमजन को जनकल्याण, समाज सुधार व कानूनी अधिकार दिलाने के लिए तत्पर रहना चाहिए। इस मौके पर जिला अध्यक्ष प्रणव बंसल,नितिन कुमार गर्ग,राजेश राठौर,एसके भामा, तरसेम सिंह चौहान,कुलदीप सिंह,कुलवंत सिंह चौहान,अरविंद श्रीवास्तव,जिगर श्रीवास्तव,अमरीश कुमार,राहुल चौहान,ललित उपाध्याय,नमित शर्मा,राजीव सैनी,प्रभाकर गुप्ता,रोहित कंवाल ,प्रियंका चौहान,शिवानी बैंसला ,रुचि अरोड़ा,रंजन सिंहा,मोतीलाल कौशल व रोहित कुमार मौजूद रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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