हरिद्वार। माता वैष्णो देवी शक्ति पीठ आश्रम के अध्यक्ष महंत दुर्गादास महाराज ने कहा है कि गुरु का महत्व और गुरु का जीवन में होना प्रत्येक व्यक्ति के लिए विशेष मायने रखता है। गुरु हमारे दुर्गुणों को दूर करते हैं और गुरु के बिना हमारा जीवन अंधकार मय होता है। भूपतवाला स्थित माता वैष्णो देवी आश्रम में गुरु पूर्णिमा पर्व पर श्रद्धालु भक्तों को गुरु का महत्व बताते हुए महंत दुर्गादास महाराज ने कहा कि गुरु के बिना कोई व्यक्ति सहज जीवन नहीं जी सकता। गुरु हमें जीवन जीने का वह रास्ता बताते हैं। जिस पर चलकर नई ऊंचाइयों को छुआ जा सकता है। इसलिए गुरु हमारे जीवन में अमूल्य हैं। वास्तव में माता-पिता तो हर किसी के होते हैं। लेकिन गुरु का होना जीवन का मार्ग बदलने की तरह होता है। महंत दुर्गादास महाराज ने कहा कि गुरु बिना ज्ञान की प्राप्ति असंभव है। गुरू पूर्ण रूप से शिष्य को पारंगत कर देते हैं। ताकि वह अपने भविष्य का उज्जवल निर्माण कर सकें। हमें सच्चे गुरु की तलाश करनी चाहिए। गुरु को अपनी मर्यादा का पालन करते रहना चाहिए। जो शिष्य गुरु के प्रति समर्पित होकर शिक्षा लेता है, तो वह महान लक्ष्य को भी हासिल कर लेता है। कोई भी बाधा जीवन में उसका रास्ता नहीं रोक सकती। गुरु शिष्य परंपरा अनादि काल से प्रचलित है। जीवन को विकसित करने तथा किसी मुकाम को हासिल करने के लिए निश्चय ही एक व्यक्ति को गुरु की आवश्यकता पड़ती है।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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