हरिद्वार। तेल्लीवाला उर्फ शिवदासपुर गांव के ग्रामीण एसएसपी कार्यालय रोशनाबाद में धरने पर बैठ गए है। ग्रामीण ट्रैक्टर ट्रॉली से भरकर एसएसपी ऑफिस पहुंचे थे और एसएसपी से मिले बिना न जाने की जिद पर अड़ गए। दोपहर बाद तक ग्रामीण भूखे प्यासे कार्यालय के बाहर बैठे रहे। एसएसपी की ओर से रविवार को सीसीआर टावर हरिद्वार में मिलने के आश्वासन के बाद ग्रामीण घर लौटे। तेल्लीवाला गांव निवासी शिव कुमार (25) पुत्र वेदपाल का शव 21 जुलाई को बुलंदशहर की नहर से बरामद हुआ है। वर्ष 2019 में वेदपाल ने अपने अपने बेटे की शादी पथरी थाना क्षेत्र के एकड़ गांव में धूमधाम से कराई थी। बेटे का एक बेटा और एक बेटी भी है। ग्रामीणों का आरोप है कि ससुराल पक्ष ने उसकी हत्या कर नदी में फेंक दिया। गले और पैर में चोट के निशान हैं। ग्रामीण ससुराल पक्ष पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराने की मांग कर रहे थे। ग्रामीणों ने एक ज्ञापन डीएम को दिया है। मृतक की मां संतोष का कहना है कि बीती पांच जुलाई को वह घर से बिना बताए चला गया था। उसकी जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि वह ससुराल की ओर जाता देखा गया है। आरोप लगाया कि ससुराल पक्ष में ही उसकी हत्या की है। ग्रामीणों का आरोप है कि पथरी थाने में मौजूद एक दरोगा को सारी जानकारी दी गई। बावजूद दरोगा ने उनकी बात नहीं सुनी। ग्रामीणों ने दरोगा पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए क्राइम ब्रांच से मामले की जांच कराने की मांग की है। इस दौरान अनुज,सेवाराम भारती,फुल सिंह,सोनू,निखिल,स्वतंत्र सैनी,पुनीत, अश्वनीकुमार,अंजू,बबली,जगमति,रीता,पूनम,मीरा,रियासतअली,सुलोचना,बबीता,राजेंद्रसैनी,ओमपाल ,जानआलम,सोनूकश्यप,भंवरसिंह,रामसिंह,केयरसैनी,प्रवीणकुमार,राजेंद्रकुमार,लख्मीचंद,धर्मपाल ,भोपाल ,पाले राम,श्याम सिंह आदि ग्रामीण मौजूद रहे।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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