हरिद्वार। पुरुषार्थ आश्रम के अध्यक्ष महामनीषी निरंजन स्वामी महाराज ने कहा है कि देश और दुनिया में भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करने में संत महापुरुषों की अहम भूमिका है और संत परंपरा पूरे विश्व में भारत को महान बनाती है। भारत माता पुरम स्थित श्री पुरुषार्थ आश्रम में नीदरलैंड से पधारे लॉर्ड शिवा हिंदू टेंपल के अध्यक्ष पंडित अवि शर्मा के स्वागत समारोह में श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए निरंजन स्वामी महाराज ने कहा कि देश विदेश में धर्म की पताका को फहराने में पंडित अवि शर्मा ने जो भूमिका निभाई है वह सराहनीय है। भारतीय सनातन धर्म के एंबेसडर के रूप में जगह जगह मंदिरों की स्थापना और भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म का प्रचार उनके जीवन का मुख्य उद्देश्य है। लंदन और नीदरलैंड में भगवान शिव के मंदिर की स्थापना कर वहां भारतीय संस्कृति के पारंपरिक त्योहारों को मनाना संपूर्ण भारत वासियों के लिए गर्व की बात है। लॉर्ड शिवा टेंपल के अध्यक्ष पंडित अवि शर्मा ने बताया कि नीदरलैंड लंदन बेल्जियम पोलैंड सहित संपूर्ण यूरोप में वह धार्मिक यात्रा कर चुके हैं। समाज में सनातन संस्कृति का प्रचार-प्रसार हो और प्रत्येक राष्ट्र में नैतिक भावनाओं की जागृति के लिए धार्मिक यात्रा के माध्यम से सद्भावना का संदेश दिया जाता है। भारत अनेकता में एकता का स्वरूप दर्शाता है और सनातन धर्म शांति प्रिय धर्म है जो प्रत्येक जगत के वासी को शांति प्रेम और भाईचारे का संदेश देता है। यही भावना हमारे भारत को महान बनाती है। विदेश में हिंदू देवी देवताओं के मंदिरों का निर्माण कर धर्म की अलख को जगाने से मन में आनंद की अनुभूति होती है और समाज को एकता के सूत्र में पिरोया जा सकता है। उन्होंने संत समाज को आमंत्रित किया है और कहा कि वह चाहते हैं हरिद्वार का संत समाज विदेश जाकर भारतीय संस्कृति और सनातन परंपराओं का ज्ञान श्रद्धालु भक्तों को कराएं और समस्त विश्व में धर्म एवं संस्कृति की भावना जागृत हो यही उनके जीवन का मूल उद्देश्य है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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