हरिद्वार। पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि प्रत्येक मनुष्य के जीवन में गुरु की भूमिका महत्वपूर्ण है। शिष्य अपने गुरु के बताए पथ पर ही आगे बढ़ता है। शिष्य के जीवन में सदाचार, कौशल, ज्ञान और बुद्धिमत्ता का विकास गुरु की कृपा से ही संभव होता है। इसलिए शिष्य को गुरु का कृपापात्र होना जरुरी होता है। जिसमें पात्रता नहीं वह कदापि ज्ञान का अधिकारी नहीं हो सकता। गुरू पूर्णिमा के अवसर पर भूपतवाला स्थित श्री थानाराम आश्रम में श्रद्धालु भक्तों को गुरू की महिमा से अवगत कराते हुए सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि विश्व में भारत का अद्वितीय स्थान बनाने वाली गुरू शिष्य परम्परा में शिष्य का समर्पण भी महत्वपूर्ण है। वे भाग्यशाली हैं कि उन्हें पूज्य स्वामी शालिग्राम जैसे महान गुरू का सानिध्य प्राप्त हुआ है। पूज्य गुरूदेव गुरू की शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए उनके अधूरे कार्यो को पूरा करना ही उनके जीवन का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि सभी को गुरू की आज्ञा का पालन करते हुए मन, वचन, कर्म से गुरू के प्रति समर्पित रहना चाहिए।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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