हरिद्वार। श्रावण महीने के कांवड़ मेले की शुरुआत के पहले दिन प्रशासन का दावा है कि चार लाख कांवड़ियों ने शाम तक गंगाजल भरा और अपने गंतव्यों की ओर रवाना हुए। माना जा रहा है कि शुक्रवार से पंचक लग जाने के कारण 20 जुलाई के बाद कांवड़ियों का रैली हरिद्वार पहुंचेगा। शास्त्रों के अनुसार पंचक लगने पर कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। यात्रा में पंचक लग जाने से कांवड़िये पांच दिनों तक कांवड़ कम उठाते हैं, क्योंकि कहा जाता है कि पंचक के दौरान बांस से बने सामान की खरीदारी और उसका स्पर्श वर्जित होता है। लेकिन पिछले कुछ सालों से पंचक के दौरान भी काफी कांवड़िए हरिद्वार पहुंचते हैं। ज्योतिषाचार्य डॉ. प्रतीक मिश्रपुरी का कहना है कि 5 नक्षत्र ऐसे होते हैं जिनमें कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इसलिए जब किसी व्यक्ति की मृत्यु पंचक काल में हो जाती है और जिस लकड़ी का प्रयोग चिता बनाने में होता है उसको आप एक बार खरीदोगे तो आपको पांच बार खरीदनी पड़ेगी। शुक्रवार से शुरू होने वाले पंचक बुधवार को समाप्त होंगे। वही कांवड़ मेला सेल के प्रभारी बीएल भारती का कहना है कि पहले दिन चार लाख कांवड़िए हरिद्वार पहुंचे।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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