हरिद्वार। देश की शिक्षा नीति में आमूल-चूल परिवर्तन कर केन्द्र सरकार ने बच्चों को बस्ते के बोझ व अंग्रेजों की गुलाम मानसिकता वाली शिक्षा नीति में बदलाव कर देश के भविष्य को संवारने का कार्य प्रारम्भ किया है। यह विचार भाजपा पार्षद दल के उपनेता अनिरूद्ध भाटी ने प्राइमरी पाठशाला नं. 44 में बाल वाटिका का फीता काटकर शुभारम्भ करते हुए व्यक्त किये। अनिरूद्ध भाटी ने कहा कि नन्हे बच्चों के सर्वांगीण विकास में बाल वाटिका महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी। अब तक गली-मौहल्लों में चलने वाली आंगनबाड़ी को व्यवस्थित कर प्राइमरी स्कूलों से संबद्ध किया गया है जिससे नन्हें बच्चों को बिना किसी दवाब के अच्छे वातावरण में बेहतर शिक्षा मिल सकेगी। साथ ही सरकारी स्कूलों में प्राइवेट स्कूलों की भांति बेहतर सुविधाएं व वातावरण बच्चों को मिलेगा। कहा कि अब सरकारी स्कूलों के बच्चे भी अच्छी शिक्षा प्राप्त कर प्रतियोगी परीक्षाओं में बराबरी के दर्जे से प्रतिभाग कर सकेंगे। विद्यालय की प्रधानाध्यपिका श्रीमती मंजू ने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार ने देश के स्कूली पाठ्यक्रम व शिक्षा नीति में बेहतरी के लिए बदलाव किये है। पहले शिक्षा 10$2 के हिसाब से चलती थी, अब 5$3$3$4 के हिसाब से शिक्षा को वर्गीकृत किया गया है जिसमें पहले पांच वर्ष में प्राइमरी से दूसरी कक्षा तक, फिर तीसरी से पांचवी तक, छठी से आठवी तक, नवीं से बारहवीं तक चार चरणों में बच्चे प्राइमरी से 12वीं तक की शिक्षा प्राप्त करंेंगे। अब छात्रों को पांचवी तक मातृभाषा,स्थानीय भाषा,राष्ट्रीय भाषा में पढ़ाया जायेगा जिससे उनमें राष्ट्रीय एकता व सद्भाव का भाव जाग्रत हो सके। विद्यालय की वरिष्ठ अध्यापिका फूलपत्ती मौर्य ने कहा कि बाल वाटिका का शुभारम्भ होने से निसंदेह सरकारी प्राइमरी स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ेगी साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। अध्यापक नरेन्द्र मैठाणी ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस अवसर पर अभिभावक संघ की अध्यक्षा श्रीमती राधा रानी,आंगनबाड़ी कार्यकत्री श्रीमती राजरानी,श्रीमती बबीता,भोजन माता श्रीमती ज्ञानवती,श्रीमती उषा,श्रीमती उषा द्वितीय,श्रीमती बबली,श्रीमती संध्या,नीरज शर्मा,विपिन शर्मा,अनिल प्रजापति,दिनेश शर्मा,नरेश पाल,रूपेश शर्मा,सुनील सैनी,सुखेन्द्र तोमर,प्रमोद पाल,हंसराज आहूजा,आशू आहूजा,दिव्यम यादव,आदित्य यादव,गोपीसैनी समेत अनेक गणमान्यजन तथा विद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
हरिद्वार। देश की शिक्षा नीति में आमूल-चूल परिवर्तन कर केन्द्र सरकार ने बच्चों को बस्ते के बोझ व अंग्रेजों की गुलाम मानसिकता वाली शिक्षा नीति में बदलाव कर देश के भविष्य को संवारने का कार्य प्रारम्भ किया है। यह विचार भाजपा पार्षद दल के उपनेता अनिरूद्ध भाटी ने प्राइमरी पाठशाला नं. 44 में बाल वाटिका का फीता काटकर शुभारम्भ करते हुए व्यक्त किये। अनिरूद्ध भाटी ने कहा कि नन्हे बच्चों के सर्वांगीण विकास में बाल वाटिका महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी। अब तक गली-मौहल्लों में चलने वाली आंगनबाड़ी को व्यवस्थित कर प्राइमरी स्कूलों से संबद्ध किया गया है जिससे नन्हें बच्चों को बिना किसी दवाब के अच्छे वातावरण में बेहतर शिक्षा मिल सकेगी। साथ ही सरकारी स्कूलों में प्राइवेट स्कूलों की भांति बेहतर सुविधाएं व वातावरण बच्चों को मिलेगा। कहा कि अब सरकारी स्कूलों के बच्चे भी अच्छी शिक्षा प्राप्त कर प्रतियोगी परीक्षाओं में बराबरी के दर्जे से प्रतिभाग कर सकेंगे। विद्यालय की प्रधानाध्यपिका श्रीमती मंजू ने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार ने देश के स्कूली पाठ्यक्रम व शिक्षा नीति में बेहतरी के लिए बदलाव किये है। पहले शिक्षा 10$2 के हिसाब से चलती थी, अब 5$3$3$4 के हिसाब से शिक्षा को वर्गीकृत किया गया है जिसमें पहले पांच वर्ष में प्राइमरी से दूसरी कक्षा तक, फिर तीसरी से पांचवी तक, छठी से आठवी तक, नवीं से बारहवीं तक चार चरणों में बच्चे प्राइमरी से 12वीं तक की शिक्षा प्राप्त करंेंगे। अब छात्रों को पांचवी तक मातृभाषा,स्थानीय भाषा,राष्ट्रीय भाषा में पढ़ाया जायेगा जिससे उनमें राष्ट्रीय एकता व सद्भाव का भाव जाग्रत हो सके। विद्यालय की वरिष्ठ अध्यापिका फूलपत्ती मौर्य ने कहा कि बाल वाटिका का शुभारम्भ होने से निसंदेह सरकारी प्राइमरी स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ेगी साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। अध्यापक नरेन्द्र मैठाणी ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस अवसर पर अभिभावक संघ की अध्यक्षा श्रीमती राधा रानी,आंगनबाड़ी कार्यकत्री श्रीमती राजरानी,श्रीमती बबीता,भोजन माता श्रीमती ज्ञानवती,श्रीमती उषा,श्रीमती उषा द्वितीय,श्रीमती बबली,श्रीमती संध्या,नीरज शर्मा,विपिन शर्मा,अनिल प्रजापति,दिनेश शर्मा,नरेश पाल,रूपेश शर्मा,सुनील सैनी,सुखेन्द्र तोमर,प्रमोद पाल,हंसराज आहूजा,आशू आहूजा,दिव्यम यादव,आदित्य यादव,गोपीसैनी समेत अनेक गणमान्यजन तथा विद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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