हरिद्वार। सिद्धपीठ दक्षिण काली मंदिर पीठाधीश्वर, निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद महाराज ने कहा है कि उपनिषद कहता है कि जो व्यक्ति भगवान की निंदा करता है माता, पिता, गुरु और राष्ट्र की निंदा करता है गंगा की निंदा करता है और वह निंदा तब करता है जब उसका समय नजदीक आ जाता है और मैं यह मानता हूं कि ऐसे लोगों का समय बहुत अच्छा नहीं है, यह हमारे देवी देवताओं का अपमान करते हैं देवी देवताओं की निंदा करते हैं। स्वामी कैलाशानंद महाराज का कहना है कि जो लोग मां काली के बारे में इस तरह की बातें कर रहे हैं अज्ञानी है उन्हें ज्ञान नहीं है काली कभी सिगरेट नहीं पीती,महादेव कभी दारू नहीं पीते,महादेव कभी गांजा नहीं पीते, कभी चरस भांग नहीं पीते, यह अज्ञानता का परिचय है और मुझे लगता है कि विनाश काले विपरीत बुद्धि,काली की प्रतिमा का महाकवि कालिदास ने जब वर्णन किया तो उनके पूरे शरीर के अंग का वर्णन किया तो उनको सफेद दाग कुष्ठ हो गया,जब सफेद दाग महाकवि कालिदास को हुआ तो कालिदास माया भगवती से कहते हैं कि आपने इस प्रकार का दंड मुझे क्यों दिया,तब मां काली कालिदास के लिए कहती है कि तुम्हारा जो अधिकार है वह मेरे नूपुर का है, मेरे पैरों से छूने का है,देखने का है,नमन करने का न कि पूरे अंगों का वर्णन करने का है यह अधिकार तुम्हारे पिता महादेव का है इसलिए मैं तो उस भाई के बारे में काली के बारे में कुछ इस तरह बात कह भी नहीं सकता और जो भी व्यक्ति या फिल्म प्रोड्यूसर,डायरेक्टर ,एक्टर उनके लिए कोई बात कहता है तो उन्हें किसी प्रकार का ज्ञान नहीं है, उन्हें तो टीआरपी लेनी है। ऐसे लोगों का समय बहुत अच्छा नहीं है,यह हमारे देवी देवताओं का अपमान करते हैं देवी देवताओं की निंदा करते हैं।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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