हरिद्वार। पिछले 14 जुलाई से प्रारम्भ कांवड़ मेला 2022 अब अपने पूरे शबाव की ओर अग्रसर है। दिन-ब-दिन लगातार भीड़ बढ़ती जा रही है जिसको लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद नजर आ रहा है। बुधवार को पंचक समाप्त होने के बाद कांवड़ियों की भारी भीड़ आने की संभावना है। मंगलवार को कांवड़ियों की भारी भीड़ नजर आयी है। पंचक जारी रहने के बावजूद कांवड़ियों का अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान भी तेजी से जारी है। अलग अलग समूहों द्वारा आर्कषक कांवड़ सजाकर लोगों को अपनी ओर आकृष्ट करने मे भी पीछे नही है। वही पुलिस प्रशासन द्वारा जहाँ सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से कावंड़ रुट पर फ्लैग मार्च निकाला गया। वही जिला प्रशासन द्वारा मेले की व्यवस्थाओं को लेकर लगातार समीक्षा की जा रही है। कावंड़ मेला 2022 में लगातार भीड़ बढ़ती जा रही है जहाँ अभी पैदल कावड़ियों की तादाद बढ़ रही हैं तो वही अब डाक कावंड़ियों के आने का सिलसिला भी शुरू होने जा रहा जिसको लेकर जिला प्रशासन की टीम द्वारा मंगलवार को डाम कोठी में एक बैठक की गई। जिसमें जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने बताया कि 14 जुलाई से शुरू हुआ कांवड़ मेले में अब दिन प्रतिदिन कावड़ियों की बढ़ती जा रही है प्रशासन की ओर से 14 तारीख से पहले ही सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई थी लेकिन लगातार उनकी समीक्षा भी की जा रही है और कोई कमी पाई जा रही है तो उसको जल्द से जल्द दूर किया जा रहा है उन्होंने बताया कि उनका फोकस पीने के पानी और शौचालयों को सुचारु रुप से चलाने का है ताकि सफाई व्यवस्था दुरुस्त रहे उन्होंने बताया कि उनके द्वारा पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर कांवड़ मेले की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कांवड़ मार्ग पर फ्लैग मार्च निकाला गया था। उन्होंने बताया कि पुलिस प्रशासन द्वारा 20 जुलाई से ट्रैफिक प्लान लागू किया जाना था जो भीड़ को देखते हुए 1 दिन पूर्व भी लागू किया जा रहा है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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