हरिद्वार। पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट एवं सोसाईटी फॉर कन्जर्वेशन एण्ड रिसोर्स डेवलपमेंट ऑफ मेडिशिनल प्लान्ट, नई दिल्ली के संयुक्त प्रयास से 1 से 4 अगस्त तक पतंजलि विश्वविद्यालय के सभागार में पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पर एक अर्न्तराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। यह सम्मेलन ‘पारम्परिक भारतीय चिकित्सा का आध्ुानिकीकरणः लोक स्वास्थ्य एवं औद्यौगिक परिप्रेक्ष्य’ विषय पर आयोजित होगा। जिसमें भारत के प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थानों सहित अन्य देशों के अतिथि विद्वान एवं वैज्ञानिक प्रतिभाग करेंगे। सम्मेलन के दौरान ‘सम्मेलन स्मारिका’ एवं ‘योगायु जर्नल’ के प्रथम अंक का लोकार्पण गणमान्य अतिथियों के कर-कमलों से सम्पन्न होगा। आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष में इस सम्मेलन के दौरान ‘विश्व भेषज संहिता’ के 65 खण्ड सहित कुल 75 ग्रन्थों का विमोचन किया जाएगा। जो पूरे विश्व के चिकित्सकों, वैज्ञानिकों, शोधर्थियों हेतु विद्या संजीवनी के रूप में हमेशा मार्गदर्शन करता रहेगा। आचार्य बालकृष्ण के निर्देशन व प्रत्यक्ष मार्गदर्शन में वरिष्ठ वैज्ञानिकों की टीम द्वारा विगत कई वर्षों से इन संहिताओं व ग्रन्थों पर कार्य किया जा रहा है। सम्मेलन के प्रथम दिन उद्घाटन सत्र में ‘मेडिशनल प्लांट जर्नल’ के विशेषांक का लोकार्पण होगा। इसमें नीति आयोग के सदस्य प्रो.रमेशचन्द एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डा.त्रिलोचन महापात्रा उपस्थित रहेंगे। स्वामी रामदेव तथा आचार्य बालकृष्ण भी प्रतिभागियों एवं वैज्ञानिकों को संबोधित करेंगे। सम्मेलन में शोध पत्रों का मौखिक एवं पोस्टर द्वारा प्रस्तुतिकरण तथा योगपरक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होगा। आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं पी.आर.आई. की वरिष्ठ वैज्ञानिक डा.वेदप्रिया आर्या ने बताया कि यह सम्मेलन ऑनलाईन एवं ऑफलाईन दोनों माध्यम से सम्पन्न होंगे तथा हजारों प्रतिभागी इसमें नियमित रूप से प्रतिभाग करेंगे। सम्मेलन में प्रो. महावीर अग्रवाल, डा.साध्वी देवप्रिया, डा.जी.पी.राव, प्रो.तनुजा नेसारी, डा.अनुराग वार्ष्णेय एवं डॉ. अनुपम श्रीवास्तव सहित संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिकों एवं अन्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों व विद्वानों का भी बौद्विक मार्गदर्शन प्राप्त होगा। पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति एवं पतंजलि अनुसंधान के अध्यक्ष आाचार्य बालकृष्ण के जन्मदिन ‘जड़ी-बूटी दिवस’ पर 4 अगस्त को भव्य कार्यक्रम के साथ सम्मेलन का समापन होगा।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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