हरिद्वार। महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने गुरु पूर्णिमा पर्व पर श्रद्धालु भक्तों को गुरु की महिमा का सार बताते हुए कहा कि गुरु हमेशा ही अपने शिष्य को भवसागर से पार लगाते हैं और जब तक शिष्य का जीवन सफल नहीं हो जाता तब तक गुरू को उसका मार्गदर्शन करते हैं। व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में कार्यरत हो, सफलता गुरू के मार्गदर्शन से ही मिलती है। हम सभी सौभाग्यशाली है जो हमें जीवन में गुरु की प्राप्ति हुई है। गुरु की कृपा का आभार हम अपना जीवन देकर भी नहीं चुका सकते। क्योंकि गुरु को ईश्वर से भी ऊंचा दर्जा प्राप्त है। हम सभी को ईश्वर का बोध कराने वाले गुरु ही हैं। गुरु की कृपा जिस पर हो जाए। वह ईश्वर को भी प्राप्त कर लेता है। इसलिए हम सभी को अपने गुरुओं का मान सम्मान आदर सत्कार करते हुए उनके प्रसांगिक जीवन को आत्मसात करते हुए निरंतर हरि स्मरण करते रहना चाहिए और अपने सामर्थ्य अनुसार समाज के गरीब असहाय लोगों की सहायता करनी चाहिए।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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