हरिद्वार। श्री गुरु मंडल आश्रम में संत समाज के सानिध्य में भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा धूमधाम से निकाली गई। जिसमें श्रद्धालु भक्तों ने भजनों पर नृत्य किया और संत समाज से आशीर्वाद प्राप्त किया। श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए श्री गुरु मंडल आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी भगवतस्वरूप महाराज ने कहा कि भगवान जगन्नाथ में भगवान विष्णु के सभी अवतारों के गुण हैं। जो अपने आशीर्वाद से समस्त जगत का कल्याण करते हैं। संत समाज द्वारा प्रतिवर्ष विश्व कल्याण के लिए रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है। ताकि समाज में समरसता का भाव पैदा हो और भारत सहित विश्व भर में एक नई धार्मिक उर्जा का संचार हो। निर्मल पीठाधीश्वर श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि भगवान जगन्नाथ जीवन में आने वाली किसी भी बाधा को दूर करते है। भक्तों को रथ यात्रा द्वारा अपनी संस्कृति और संस्कारों का बोध होता है। संत समाज प्राचीन काल से ही अपने भक्तों को ज्ञान की प्रेरणा देकर उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता चला आ रहा है। महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि एवं महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा का दर्शन सौभाग्यशाली व्यक्ति को प्राप्त होता है जो जीवन में अपार खुशियां लाता है। सभी को भगवान जगन्नाथ की पूजा अर्चना कर अपने कल्याण का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि जब जब धरा पर अत्याचार और दुराचार बढ़ता है तो भगवान किसी ना किसी रूप में धरती पर अवतार लेते हैं। भगवान जगन्नाथ भगवान विष्णु के अवतार भगवान श्रीकृष्ण का ही साक्षात रूप है। जिनके दर्शन मात्र से व्यक्ति का जीवन भवसागर से पार हो जाता है। धार्मिक रथ यात्रा व्यक्ति को जीवन में भगवान जगन्नाथ के वास्तविक दर्शन कराती है। व्यक्ति को इसका बोध होना चाहिए। इस अवसर पर महंत रूपेंद्र प्रकाश,स्वामी शिवानंद,महंत गंगादास,महंत दामोदर शरण दास,कथा व्यास स्वामी शिवानन्द,स्वामी रविदेव शास्त्री,स्वामी हरिहरानन्द,स्वामी विवेकानन्द, श्रीमहंत अद्धैतानंद,स्वामी दिनेश दास, महंत प्रेमदास,महंत सुरेश मुनि,महंत गोविंद दास,स्वामी विज्ञानानन्द,महंत भरतदास,महंत देवानन्द, स्वामी रामेश्वरानन्द सरस्वती,आचार्य जगदीश,गोपाल सहित बड़ी संख्या में संत महापुरूष व श्रद्धालु मौजूद रहे।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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