हरिद्वार। मेला अस्पताल में जनरल फिजिशियन और सर्जन की तैनाती को लेकर चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव और एनएचएम के निदेशक डॉ. आर राजेश कुमार प्रयास करेंगे। एमआरआई के रेट को लेकर भी चर्चा की जाएगी। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव और एनएचएम के निदेशक डॉ. आर राजेश कुमार ने मेला अस्पताल का निरीक्षण करने के दौरान यह बात कही। बुधवार को सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने मेला अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान अस्पताल में सफाई ठीक न होने पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की। अस्पताल पहुंचे तो पर्ची काउंटर के पास ही एक डॉगी बैठा था। उन्होंने हाजिरी रजिस्टर की जांच की। अस्पताल में सर्जन और जनरल फिजिशियन न होने का पता चलते ही उन्होंने कहा कि शासन स्तर से प्रयास किया जाएगा कि जल्द अस्पताल में दोनों चिकित्सकों की तैनाती कर दी जाए। सचिव ने मेला अस्पताल में बने कांवड़ कंट्रोल रूम का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कांवड़ पटरी में बने स्वास्थ्य शिविरों को हाईवे पर लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कांवड़िए हाईवे पर जाने शुरू हो गए हैं, डाक कांवड़ियों के आने से पहले ही इनको हाईवे पर लगा दिया जाए, ताकि कांवड़ियों को उपचार दिया जा सकें।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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