हरिद्वार। हरिद्वार के भूपतवाला स्थित श्री स्वामीनारायण आश्रम (मुखिया गली) में निखिल मंत्र विज्ञान ( अंतरराष्ट्रीय सिद्धाश्रम साधक परिवार) की ओर से 12-13 जुलाई को सौभाग्य कीर्ति गुरु पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। गुरु पूर्णिमा महोत्सव शिविर में उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश सहित न केवल देश के कोने-कोने से बल्कि,नेपाल,भूटान सहित अन्य देशों से भी बड़ी संख्या में निखिल शिष्य शामिल होंगे। परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद जी महाराज (डॉ.नारायण दत्त श्रीमाली) एवं वंदनीय माता भगवती की दिव्यतम छत्रछाया व गुरुदेव श्री नंदकिशोर श्रीमाली के सानिध्य में आयोजित इस शिविर में एक तरफ जहां गुरु पूर्णिमा साधना संपन्न कराई जाएगी, वहीं दूसरी ओर साधकों को गुरुदीक्षा व शक्तिपात के माध्यम से विभिन्न प्रकार की विशेष दीक्षाएं भी प्रदान की जाएंगी। हजारों लोग निखिल परिवार से जुड़ेंगे भी। कार्यक्रम के मीडिया प्रभारी विजय कुमार झा ने इस आशय की जानकारी देते हुए कहा कि गुरु पूर्णिमा प्यासे शिष्यों के लिए अमृत पान की रात्रि है। जो पहुंचा, उसने पाया और जो नहीं पहुंच पाया उसने खोया। गुरु पूर्णिमा को अमृत बरसता है और सौभाग्यशाली शिष्य इस अमृत का पान कर तृप्त होते हैं। गुरु पूर्णिमा एक ऐसा अवसर है, जिसकी प्रतीक्षा साधक व शिष्य वर्ष भर करते रहते हैं। यह साल में एकमात्र ऐसा दिवस है, जब शिष्य अपने पूज्य गुरुदेव के श्रीचरणों में अपना मनोभाव समर्पित करते हैं। वस्तुतः गुरु पूर्णिमा शिष्य और गुरु के मिलन का समारोह है, जहां देश-विदेश से हजारों की संख्या में आने वाले निखिल शिष्यों का समागम होगा। इस महोत्सव को सफल बनाने में मनोज भारद्वाज,गोपाल सैनी,अशोक खुराना,डॉ.एमके तिवारी,शैलेन्द्र शैली, राकेश गुप्ता,नागेन्द्र सिंह,अमर उपाध्याय,लोकेश,बलवान सैनी सहित निखिल मंत्र विज्ञान के अन्य कार्यकर्ता पूरी तन्मयता से लगे हैं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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