हरिद्वार। भूपतवाला स्थित आनन्द आश्रम में गुरु पूर्णिमा महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर आश्रम के अध्यक्ष स्वामी विवेकानन्द ने उपस्थित श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु और माता-पिता की सेवा करने से ही जीवन में सफलता प्राप्त होती है। सद्गुरु के सानिध्य में शिष्य के जीवन को सकारात्मक दिशा मिलती है। समर्पण भाव से शरण में आने वाले शिष्य का मार्गदर्शन कर गुरू आध्यात्मिक के साथ व्यवहारिक ज्ञान प्रदान कर उसकी उन्नति का मार्ग प्रशस्त करते हैं। उन्होंने कहा कि सद्गुरू ही शिष्य के जीवन छाए अज्ञान रूपी अंधकार को दूर कर ज्ञान का प्रकाश करते हैं। सभी को गुरू के बताए मार्ग व उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करना चाहिए। कपिल जोनसारी ने कहा कि युवा वर्ग को गुरू शिष्य का महत्व समझते हुए सद्गुरू के बताए मार्ग पर चलते हुए समाज सेवा में योगदान करना चाहिए। इस अवसर पर स्वामी अनंतानद,स्वामी ज्ञानानंद,परमानंद,केशवानंद,प्रेमदास, जयसिंह मावी,बालकिशन भाटी,प्रदीप भाटी,वेद नागपाल,किशोर जसूजा,ब्रह्मपाल नागर,योगेंदर मावी आदि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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