हरिद्वार। वरिष्ठ समाजसेवी वैभव अग्रवाल ने कांवड़ियों से गंगा को प्रदूषण से बचाने में सहयोग करने की अपील करते हुए कहा कि सावन में लाखों करोड़ों शिवभक्त कांवड़िए गंगा जल लेने हरिद्वार आते हैं और कठिन पैदल यात्रा करते हुए गंगाजल लेकर अपने गंतव्य पर पहुंचकर जलाभिषेक करते हैं। ऐसे में कावड़ियों को अपनी यात्रा के दौरान मां गंगा को प्रदूषित होने से बचाने में सहयोग करना चाहिए। गंगा में किसी प्रकार की गंदगी ना डालें और दूसरों को भी इसके प्रति सचेत करें। वैभव अग्रवाल ने कहा कि गंगा हमारी आस्था का केंद्र है। इसलिए गंगा को प्रदूषण से बचाना सभी का कर्तव्य है। उन्होंने कहा शासन प्रशासन की ओर से कावड़ियों के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं। इसलिए कावड़ियों का दायित्व है कि अपनी यात्रा के दौरान गंगा की शुद्वता, पवित्रता और अविरलता बनाए रखें। कोई भी ऐसा कार्य ना करें जिससे गंगा प्रदूषित हो। गंगा जल की महत्ता उसकी शुद्धता में ही है। वैभव अग्रवाल ने कहा कि पवित्र गंगाजल से ही भगवान शिव का अभिषेक किया जाना चाहिए। कावड़ यात्रा के दौरान सभी शिव भक्त गंगा की पवित्रता के मापदण्ड स्थापित करें। ताकि हरिद्वार आने वाले अन्य श्रद्धालु भक्तों को भी इससे सीख मिले।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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