हरिद्वार। पूरे सावन माह विश्व कल्याण के लिए श्रीदक्षिण काली मंदिर में निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज द्वारा की जानी वाली विशेष शिव आराधना अनवरत् रूप से जारी है। मंगलवार को शिवरात्रि के अवसर पर विभिन्न प्रकार के पुष्पों से शिवलिंग का श्रंगार कर व पंचामृत से अभिषेक कर विश्व कल्याण की कामना करते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि श्रावण मास में भगवान शिव की उपासना व अभिषेक का विशेष महत्व हैै। स्वयं को शिव को समर्पित कर उनकी आराधना वाले भक्त के सभी कष्ट महादेव हर लेते हैं। शिव कृपा से परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है और जीवन भवसागर से पार हो जाता है। उन्होंने कहा कि शिव ही सत्य और सनातन हैं। शिव कृपा अनन्त है। भगवान शिव को प्रकृति से विशेष लगाव है। इसीलिए कोलाहल से दूर कैलाश पर्वत को उन्होंने अपना निवास बनाया है। उन्होंने कहा कि श्री दक्षिण काली मंदिर में मां काली के साथ भगवान शिव भी साक्षात रूप से विराजमान हैं। सच्चे हृदय से शिव शक्ति का स्मरण व आराधना करने वाले भक्त को उनकी कृपा अवश्य प्राप्त होती है। इस दौरान अवंतिकानंद ब्रह्मचारी,स्वामी रघुवीरानन्द,स्वामी विवेकानंद ब्रह्मचारी,स्वामी कृष्णानंद ब्रह्मचारी,महंत लालबाबा, बाल मुकुंदानंद ब्रह्मचारी,स्वामी अनुरागी महाराज,पुजारी सुधीर पाण्डे सहित सैकड़ों श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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