हरिद्वार। श्रावण मास का प्रसिद्व कांवड़ मेला अब अपने चरम की ओर तेजी से अग्रसर है। पिछले दो दिनों से डाक कांवड़ियों की आमद तेजी से होने की वजह से धर्मनगरी मे हर तरफ कांवड़ियों का जत्था नजर आ रहा है। इसके साथ ही गाड़ियों की तादाद भी हजारों से लाखों की ओर बढ़ने लगी है। कांवड़ मेला अब धीरे-धीरे अपने पूरे उफान पर आ चुकी है। कांवड़ यात्री शुक्रवार को हरिद्वार में भारी संख्या में दोपहिया वाहन में कांवड़िए गंगाजल लेने पहुंचे। सुबह से ही हरिद्वार हाईवे पर साइलेंसर निकले बाइकों का शोर होता रहा। हाईवे और शहर की अंदरुनी सड़कों पर भागम भाग कांवड़ियों के आगमन से हाईवे पर चलना आसान नहीं रहा। हरिद्वार में 14 जुलाई से कावड़ यात्रा का आगाज हो चुका है। धीरे-धीरे देश के दूसरे राज्यों हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, यूपी एवं अन्य कई राज्यों से कांवड़िए गंगाजल लेकर अपने गंतव्य को जाने शुरू हो चुके हैं। कांवड़ यात्रा के दौरान अब बाइकर्स कांवड़िए भी हरिद्वार पहुंचने लगे हैं। शुक्रवार को हाईवे पर सुबह से ही दोपहिया वाहनों से हरिद्वार आने वाले कांवड़ियों का सिलसिला शुरू हो गया। बाइक में आने वाले अधिकतर कांवड़ियों ने अपनी बाइक का साइलेंसर हटाया हुआ था। जिसके चलते हाईवे पर बिना सायलेंशर वाली बाइकों का शोर ही सुनाई दे रहा था। तेज रफ्तार के चलते कई बाइक सवार कांवड़िए चोटिल भी हो चुके हैं।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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