हरिद्वार। जिला उपभोक्ता आयोग ने सेवा में कमी करने के मामले में बीमा कम्पनी को दोषी पाया है। आयोग ने बीमा क्लेम की शेष धनराशि 14 लाख का भुगतान छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से, क्षतिपूर्ति के रूप में 10 हजार रुपये व अधिवक्ता फीस के रूप में 10 हजार रुपये की धनराशि शिकायतकर्ता को अदा करने के आदेश दिए हैं।लक्सर निवासी शिकायतकर्ता साहब सिंह ने प्रभारी अधिकारी,आईसीआईसीआई लोंबार्ड जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड देहरादून और आईसीआई लोम्बार्ड हेल्थ केयर आईसीआईसीआई बैंक टावर गजीबावली हैदराबाद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने बताया था कि उसके पुत्र ने सितंबर 2018 को बीमा कंपनी से अपनी मोटरसाइकिल का बीमा 27 सितंबर 2018 से पांच वर्ष के लिए कराया था। बीमा अवधि में उसके पुत्र की मोटरसाइकिल से दुर्घटना होने पर मृत्यु हो गई थी। शिकायतकर्ता ने दुर्घटना में पुत्र की मृत्यु होने पर बीमा क्लेम धनराशि की मांग की। शिकायतकर्ता ने सभी आवश्यक दस्तावेज बीमा कंपनी को उपलब्ध करा दिए थे। इसके बाद बीमा कंपनी ने बीमा क्लेम धनराशि के रूप में एक लाख रुपये शिकायतकर्ता के खाते में जमा करा दिए थे। उक्त जमा धनराशि की जानकारी होने पर शिकायतकर्ता ने बीमा कंपनी से 14 लाख रुपये की मांग की थी। शिकायतकर्ता ने अपनी दलीलों में हाईकोर्ट मद्रास व भारतीय बीमा विनियामक विकास प्राधिकरण के भी बीमित राशि एक लाख से बढ़ाकर 15 लाख किए जाने और 15 लाख रुपये बीमा क्लेम दिए जाने संबंधी प्रपत्र सभी बीमा कंपनियों को जारी किए थे। जो वर्तमान में कंपनी पर भी प्रभावी है। इसके तहत शिकायतकर्ता ने बीमा कंपनी से 14 लाख रुपये की मांग की थी। बीमा कंपनी की ओर से कोई सुनवाई नहीं करने पर शिकायतकर्ता ने आयोग की शरण ली थी। आयोग के अध्यक्ष कंवर सैन सदस्य अंजना चड्ढा व विपिन कुमार ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता सेवा में कमी करने का दोषी ठहराया है।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
Comments
Post a Comment