हरिद्वार। लाजपतराय मेहरा न्यूरोथेरेपी ’रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट का राष्ट्रीय अधिवेशन 21 अगस्त से हरिद्वार में शुरू होने जा रहा है। 23 अगस्त तक चलने वाले तीन दिवसीय अधिवेशन में देश भर के 200 से ज्यादा डेलीगेट्स भाग लेंगे। संस्था के कोषाध्यक्ष सुमित महाजन ने जानकारी देते हुए बताया कि न्यूरोथैरेपी के जनक एवं एलएमएनटी के संस्थापक लाजपतराय मेहरा का 90वां जन्मदिवस हरिद्वार में धूमधाम से मनाने की तैयारी चल रही है। उनके जन्मदिवस के उपलक्ष्य में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी जम्मू यात्री भवन, भूपतवाला में तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन किया जाएगा। अधिवेशन में लाजपतराय मेहरा नेचरोथेरेपी रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट में देशभर से 200 से ज्यादा डेलीगेट्स भाग लेंगे। जिसकी सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। सभी न्यूरो थेरेपी स्टाफ को डा.सुनील जोशी वाइस चांसलर आयुर्वेदिक यूनिवर्सिटी देहरादून और डा.अवधेश पांडे रिसर्चर कंप्लीमेंट्री साइंसेज, डा.के. बाबू चाइल्ड स्पेशलिस्ट चंडीगढ़ के द्वारा मार्गदर्शन किया जाएगा। संस्था के महासचिव रामगोपाल परिहार ने कहा कि न्यूरोथेरेपी भारतीय प्राचीन वैदिक पद्धति है, जिसमें बिना दवा के हर एक बीमारी का सफल इलाज किया जाता है। इसके जन्मदाता डा.लाजपतराय मेहरा थे। जिन्होंने न्यूरोथेरेपी का आविष्कार किया था। वर्तमान में न्यूरोथेरेपी के पूरे देश भर में 15 सौ से अधिक उपचार केंद्र चल रहे हैं। सुमित महाजन ने कहा कि 12वीं पास बेरोजगार बच्चों को प्रैक्टिकल न्यूरोथेरेपी की ट्रेनिंग देकर अपने पांव पर खड़ा किया जाता है। उन्होंने कहा कि कि अधिवेशन में उत्तराखंड प्रदेश के न्यूरो थेरेपिस्ट देव आहूजा, इशांत,बलराम शाह,नौशीन,मोहिनी मदान, आरती, संगीता विशेष रुप से कार्यक्रम की तैयारी के लिए उपस्थित रहेंगे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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