हरिद्वार। गलत विद्युत बिल निरस्त नही करने के मामले में जिला उपभोक्ता आयोग ने विद्युत विभाग को धनराशि 59 हजार 943 रुपये का बिल निरस्त कर क्षतिपूर्ति दो हजार व शिकायत खर्च के रूप में दो हजार रुपये शिकायतकर्ता को देने के आदेश दिए हैं। राजलोक विहार ज्वालापुर निवासी अधिवक्ता दिनेश वर्मा ने बताया कि उसने रामनगर ज्वालापुर में विधि कार्य करने के लिए एक ऑफिस बनाया हुआ है। ऑफिस में उसने एक विद्युत कनेक्शन लिया था। जिसमें शिकायतकर्ता का मिनिमम बिल आता था। जिसको शिकायतकर्ता नियमानुसार जमा करता आ रहा है। जनवरी 2020 में कोविड 19 की बीमारी फैल गई। जबकि शिकायतकर्ता के पैर में चोट लग गई थी।जिसपर इस अवधि में ऑफिस बंद रहा है। मई 2021 में शिकायतकर्ता का दोबारा एक्सीडेंट होने पर वह चलने फिरने में असमर्थ रहा। लेकिन विद्युत विभाग ने जून 2020 से मई 2021 की अवधि का बिल 59 हजार 443 रुपये शिकायतकर्ता को मैसेज के माध्यम से भेजी था। शिकायतकर्ता ने विभागीय अधिकारी व टॉल फ्री नंबर पर शिकायत की। जिसपर विभाग के कर्मचारी ने कनेक्शन कटा होना बताकर गलत बिल भेजने की बात कही। उक्त बिल को सही करने का आश्वासन दिया था। लेकिन कई बार संपर्क करने के बावजूद विभाग ने कोई कार्यवाही नहीं की। शिकायत पर सुनवाई के बाद आयोग अध्यक्ष कंवर सैन,सदस्य अंजना चड्डा व विपिन ने अधिशासी अभियंता उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड मायापुर को उपभोक्ता सेवा में दोषी ठहराया है।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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