हरिद्वार। भाई बहन के प्रेम व एक दूसरे के प्रति अटूट विश्वास का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व धर्मनगरी में धूमधाम व उल्लास के साथ मनाया गया। बहनों ने भाईयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी दीघार्यू व उन्नति की कामना की तो भाईयों ने बहनों को उपहार भेंटकर सदैव रक्षा करने व हर सुख दुख में साथ निभाने का वचन दिया। बृहष्पतिवार को धर्मनगरी हरिद्वार में रक्षाबंधन पर्व की धूम रही। हालांकि भद्रा के चलते राखी बांधने के समय को लेकर असमंजस के चलते पर्व की शुरूआत देर से हुई। ज्योतिषीयों द्वारा सुझाए 11 बजकर 37 मिनट के मुर्हत पर बहनों ने भाईयों का तिलक कर राखी बांधी और रक्षा का वचन लिया। शहर व आसपास के ग्रामीण इलाकों में उल्लास पूर्वक रक्षाबंधन पर्व मनाया गया। पर्व के चलते दिन भर घरों में मेहमानों का आना जाना रहा। दूसरे शहरों व गांवों से आयी बहनों का भाईयों ने स्वागत किया और राखी बंधवाने के बाद सम्मान स्वरूप उपहार भेंट किए।
हरिद्वार। भाई बहन के प्रेम व एक दूसरे के प्रति अटूट विश्वास का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व धर्मनगरी में धूमधाम व उल्लास के साथ मनाया गया। बहनों ने भाईयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी दीघार्यू व उन्नति की कामना की तो भाईयों ने बहनों को उपहार भेंटकर सदैव रक्षा करने व हर सुख दुख में साथ निभाने का वचन दिया। बृहष्पतिवार को धर्मनगरी हरिद्वार में रक्षाबंधन पर्व की धूम रही। हालांकि भद्रा के चलते राखी बांधने के समय को लेकर असमंजस के चलते पर्व की शुरूआत देर से हुई। ज्योतिषीयों द्वारा सुझाए 11 बजकर 37 मिनट के मुर्हत पर बहनों ने भाईयों का तिलक कर राखी बांधी और रक्षा का वचन लिया। शहर व आसपास के ग्रामीण इलाकों में उल्लास पूर्वक रक्षाबंधन पर्व मनाया गया। पर्व के चलते दिन भर घरों में मेहमानों का आना जाना रहा। दूसरे शहरों व गांवों से आयी बहनों का भाईयों ने स्वागत किया और राखी बंधवाने के बाद सम्मान स्वरूप उपहार भेंट किए।
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