हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा है कि श्रावण मास में शिव आराधना का विशेष महत्व है। जो मनुष्य के समस्त प्रकार के कष्टों का निवारण करती है। भगवान शिव का नाम ही परम कल्याणकारी है। जिनके स्मरण मात्र से भक्तों का कल्याण निश्चित है। मायापुर स्थित श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के चरण पादुका मंदिर में शिव आराधना के दौरान श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि श्रावण मास व्यक्ति के अंतःकरण की शुद्धि का पवित्र पर्व है। ऐसे अवसर को कभी गवाना नहीं चाहिए और शिव तत्व को प्राप्त करने के लिए उनकी निरंतर आराधना करनी चाहिए। भगवान भोलेनाथ अत्यंत सौम्य और करुणा के सागर हैं। जो सूक्ष्म अराधना से प्रसन्न होकर भक्तों को तुरंत फल प्रदान करते हैं। सोमवार के दिन महादेव की आराधना से शिव और शक्ति दोनों प्रसन्न होते हैं। इनकी कृपा से दैविक दैहिक और भौतिक वस्तुओं से मुक्ति मिलती है। श्रावण का यह महीना भक्तों को अमोघ फल प्रदान करने वाला है। बाबा भोलेनाथ कि अर्चना से श्रद्धालुओं का भाग्य बदल जाता है। इसलिए सभी को भोलेनाथ की स्तुति अवश्य करनी चाहिए।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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