हरिद्वार। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा है कि श्रावण मास भगवान शिव की आराधना और प्रकृति के प्रति मनुष्य के प्रेम को समर्पित है। जो भक्त श्रावण मास में सच्चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ महादेव का व्रत धारण करता है। उसे भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उसकी सभी मनोकामनाएं भगवान आशुतोष पूर्ण करते हैं। नीलधारा तट स्थित श्री दक्षिण काली मंदिर में पूरे श्रावण मास चलने वाली विशेष शिव आराधना के दौरान श्रद्धालु भक्तों को शिव महिमा का सार समझाते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि भगवान शिव अत्यंत दयालु और कृपालु देव हैं। जो भक्तों की सूक्ष्म आराधना से ही प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं। भगवान शिव की आराधना व्यक्ति के जीवन में सुख समृद्धि लाती है और उसका जीवन सदैव उन्नति की ओर अग्रसर रहता है। अपनी शरण में आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु भक्त का संरक्षण कर महादेव उन्हें भवसागर से पार लगाते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान शिव की आराधना के साथ-साथ प्रत्येक श्रद्धालु भक्तों को प्रकृति के संरक्षण का संकल्प लेना चाहिए। प्रकृति मानव जाति को मिला हुआ अतुल्य वरदान है। प्रकृति के कारण ही पृथ्वी पर मानव जीवन संभव है। मानव और प्रकृति मे बीच संतुलन बनाए रखने के लिए सभी को अधिक से अधिक पौधारोपण करना चाहिए। पेड़ पौधे हमें प्राणवायु ऑक्सीजन प्रदान करतें हैं। इसलिए हमें भी प्रकृति के प्रति प्रेम और समर्पण का भाव रखकर इसके संरक्षण संवर्धन के लिए तत्पर रहना चाहिए।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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