हरिद्वार। भूपतवाला स्थित स्वामी निराला धाम की अध्यक्ष राजमाता आशा भारती महाराज ने कहा कि सोमवार का दिन भगवान शिव को अति प्रिय है। सोमवार के दिन श्रद्धार्वूक भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए राजमाता आशा भारती महाराज ने कहा कि देवाधिदेव भगवान शिव की आराधना सदैव कल्याणकारी होती है। विधि विधान से की गयी शिव आराधना साधक को अमोघ फल प्रदान करती है। शिव कृपा से साधक के सभी कष्ट व संकट दूर हो जाते हैं। परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है। प्रत्येक कार्य में सफलता प्राप्त होती है। उन्होने कहा कि पूरा संसार शिव में समाहित है। शिव ही सृष्टि के आदि और अंत हैं और उनकी कृपा अनंत है। भगवान शिव की पूर्ण कृपा प्राप्त करने के लिए साधक को आदि शक्ति माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा अर्चना भी अवश्य करनी चाहिए। शिव शक्ति और भगवान गणेश की सम्मिलित कृपा से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। जीवन भवसागर से पार हो जाता है। उन्होंने कहा कि धर्मनगरी हरिद्वार में गंगा तट पर किए जाने वाले प्रत्येक धार्मिक अनुष्ठान का सहस्त्र गुणा पुण्य फल साधक को प्राप्त होता है। ब्रह्मलीन निराला स्वामी महाराज परम शिव साधक संत थे। उनके द्वारा स्थािपत निराला धाम शिव साधना का प्रमुख केंद्र है। निराला धाम में साधना करने वाले साधक को अवश्य ही शिव कृपा प्राप्त होती है। राजमाता आशा भारती महाराज के परम शिष्य स्वामी नित्यानन्द ने बताया कि नागेश्वर महादेव की पूजा करने हेतु पंजाब, दिल्ली, हरियाणा से सैकड़ों शिवभक्त आए हुए थे। सभी भक्तों ने पहले भगवान शिव की पूजा अर्चना की फिर राजमाता आशा भारती महाराज से आशीर्वाद लिया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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