हरिद्वार। शनि अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने कनखल स्थित भैरो मंदिर में विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना कर महंत कौशलपुरी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए महंत कौशलपुरी महाराज ने कहा कि न्याय के देवता भगवान शनि की आराधना करने से मनुष्य का जीवन भवसागर से पार हो जाता है। अमावस्या पर पूर्व विधि विधान से भगवान शनि देव की पूजा अर्चना करने से परविार में सुख समृद्धि का वास होता है। कष्टों से छुटकारा मिलता है और प्रत्येक कार्य में सफलता मिलती है। महामण्डलेश्वर स्वामी कपिल मुनि महाराज ने कहा कि मनुष्य को ईश्वर की आराधना करते हुए सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए। सद्मार्ग पर चलने वाले मनुष्य पर भगवान शनिदेव सदैव कृपा करते हैं। शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए उन्हें काला तिल, लोहा, उड़द अर्पित करें। इस अवसर पर स्वामी कृष्ण मुनि,महंत रघुबीरानन्द,हरीश शेरी, अशोक शर्मा,अजय मगन,तोष जैन,अमित वालिया,अतुल शर्मा,अजय कुमार कुमार सहित सैकड़ों श्रद्धालु भक्तो ंने भगवान शनिदेव की पूजा अर्चना की।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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