हरिद्वार। शहर के अधिवक्ताओं एवं समाज के मौज्जिज लोगों की बैठक पूर्व राज्यमंत्री प्रदेश कांग्रेस महासचिव फुरकान अली एडवोकेट के ज्वालापुर स्थित कार्यालय पर आयोजित की गई। बैठक में सभी ने एक पत्र सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को पत्र प्रेषित किया। पत्र में बताया गया कि जिस प्रकार से गुजरात सरकार ने एक पीड़ित महिला के साथ विश्वासघात किया। गुजरात सरकार ने संविधान के विधि के समक्ष समानता और विधि के समान संरक्षण का उल्लंघन किया। पत्र में गुजरात सरकार के फैसले पर सर्वोच्च न्यायालय संज्ञान लेकर मुजरिमों की रिहाई पर रोक लगाने की अपील की। बैठक की अध्यक्षता करते हुए फुरकान अली एडवोकेट ने कहा कि गुजरात सरकार द्वारा बिल्किस बानो केस के आरोपियों को रिहा करना अति निंदनीय है। वर्ष 2002 में गोधरा कांड़ के दौरान बिल्किस बानों के साथ रेप किया गया और उनके परिजनों की हत्या कर दी गयी जो एक जधन्य अपराध है। महिलाओं की सुरक्षा की बात करने वाली भाजपा की नीयत से साफ प्रतीत होता है कि किस प्रकार से ये महिलाओं के उत्थान की बात करते हैं और आरोपियों को संरक्षण प्रदान करते हैं। हैरत की बात तो ये है कि राज्य सरकार द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान बलात्कारियों और हत्यारों को रिहा किया जा रहा है। ऐसे जघन्य अपराध करने वाले आरोपियों को इस प्रकार का संरक्षण देना न सिर्फ संविधान का उल्लंघन है। बल्कि मानवता के विरुद्ध भी है। हरिद्वार बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सुधीर त्यागी एवं वरिष्ठ अधिवक्ता सज्जाद अहमद ने कहा कि बिल्किस बानों के साथ इस प्रकार का अन्याय सभी महिलाओं के प्रति अन्याय है, इसकी घोर निंदा करते हैं। अधिवक्ता रियाज अली एवं रियाजुल हसन अंसारी,जाकिर हुसैन ने संयुक्त रूप से कहा कि राज्य सरकार द्वारा इस प्रकार का रवैया अति निंदनीय है। अधिवक्ता रिमा शाहीम ने कहा कि महिलाओं के अधिकारों की बात करने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस मामले पर चुप क्यों हैं। उन्होंने इस पर कोई कार्यवाही कयों नहीं की, क्या महिलाओं की अधिकारों की बात करना मात्र जुमला ही है। अधिवक्ता बेबी नाज एवं अफसाना ने संयुक्त रूप से कहा कि बलात्कारियों को रिहा करके गुजरात सरकार आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है। इससे इनकी दोहरी मानसिकता का पता चलता है। अरबाज अली ने कहा कि जिस प्रकार गुजरात भाजपा के कार्यकर्ताओं ने बलात्कारियों और हत्यारांे को मिठाई खिलाकर उनका अभिनंदन अति निंदनीय है तथा समस्त महिला जाति का अपमान है। पार्षद इसरार अहमद, शाहबुद्दीन अंसारी और रियाज अंसारी ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के समय गुजरात सरकार का ऐसा निर्णय मातृशक्ति का अपमान करने वाला है। बैठक में एचआरडीए के पूर्व सदस्य इरशाद खान,सुलतान अहमद,राव फरमान, अमन,सलामत खान, आदिल अली,एजाज अली,तनवीर अली,मौ.सलीम आदि ने भी इस प्रकरण की निंदा की।
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