हरिद्वार। टिहरी विस्थापित निवासी सुनील कुमार गुप्ता ने बृहस्पतिवार को महिला द्वारा प्रैसवार्ता के दौरान उन पर लगाए गए आरोपों को नकारते हुए कहा कि उन पर बेबुनियाद व निराधार आरोप लगाकर उनका व उनके परिवार का मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है। टिहरी विस्थापित कालोनी निवासी सुनील कुमार गुप्ता ने कहा कि आरोप लगाने वाली महिला उनके पड़ोस में ही किराए के मकान में रहती है। पड़ोसी होने के नाते आपस में जान पहचान होना सामान्य बात है। लेकिन महिला जान पहचान का फायदा उठाकर धन ऐंठने के लिए उन्हें ब्लैकमेल कर रही है। पैसे नहीं देने पर झूठे मुकदमे में फंसाने के लिए महिला ने उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज करायी है। जिसकी पुलिस द्वारा जांच की जा रही है। उन्हें पुलिस जांच पर पूरा भरोसा है और वह निर्दोष साबित होंगे। गौरतलब है कि बृहस्पतिवार को टिहरी विस्थापित कालोनी की महिला ने प्रैसवार्ता करते हुए सुनील कुमार गुप्ता पर आरोप लगाए थे। सुनील कुमार गुप्ता ने कहा कि महिला द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों झूठे व मनगढंत हैं। झूठे आरोप लगाकर महिला उनका व उनके परिवार का मानसिक उत्पीड़न कर रही है। महिला के आरोपों से पूरा परिवार मानसिक तनाव में है। सुनील कुमार गुप्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि महिला पैसे ऐंठने की नीयत से कई अन्य लोगों को भी तंग कर रही है। पैसे ऐंठने की नीयत से महिला ने कई लोगों के खिलाफ मुकद्मे भी किए हुए हैं। जिसके सभी साक्ष्य उनके पास हैं। उन्होंने कहा कि महिला समाज में उनकी छवि धूमिल करने के लिए सोशल मीडिया पर भी उन्हें बदनाम कर रही है। उनकी पत्नि को भी वॉटसअप पर मैसेज भेज कर परेशान कर रही है। उन्होंने जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र देकर पूरे मामले से अवगत करा दिया है।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
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