हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विवि में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रानीपुर विधानसभा के विधायक आदेश चौहान ने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति और संस्कार देश-दुनिया के लोगों के लिए आत्मसात करने वाली है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से एक दूसरे की संस्कृति को सरलता से समझा जा सकता है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.रूपकिशोर शास्त्री ने कहा कि स्वामी श्रद्धानंद ने छात्रों को शिक्षित करने के साथ-साथ उन्हें भारतीय प्राचीन वैदिक संस्कृति में संस्कारित करने का कार्य किया। उसी दिशा में विश्वविद्यालय आज भी निरंतर अग्रसर है। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति कर उत्तराखण्ड व गुरुकुल की संस्कृति व परंपरा से अवगत कराया गया। कार्यक्रम में आचार्यकुलम, डीपीएस दौलतपुर, डीएवी हरिद्वार, जवाहर नवोदय विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने भी मनमोहक प्रस्तुतियां प्रस्तुत कर अपनी कला का प्रदर्शन किया। संचालन डॉ.हिमांशु पंडित ने किया। कार्यक्रम में कुलसचिव डॉ.सुनील कुमार,वित्ताधिकारी प्रो.वीके सिंह,प्रो. अम्बुज शर्मा,प्रो.सुचित्रा मलिक,डॉ.लोकेश जोशी,डॉ.मनीला, डॉ.रितु अरोड़ा,डॉ.पंकज कौशिक,नवीन, विरेन्द्र पटवाल,हेमंत सिंह नेगी,कुलभूषण शर्मा, नागेन्द्र राणा आदि मौजूद थे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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