हरिद्वार। सिडकुल के राजा बिस्किट के 71 स्थाई मजदूरों को विगत 5 माह से वेतन नहीं मिला है। श्रम विभाग द्वारा अप्रैल और मई 2 माह के वेतन रिकवरी के लिए तहसील विभाग को नोटिस भेजा था ।22 जुलाई से तहसील में रिकवरी का चेक होने के कारण 15 अगस्त तक श्रम विभाग नहीं पहुचा जिस वजह से मजदूरों में काफी रोष था सआज दर्जनों की संख्या में मजदूर तहसील पहुंचे जमकर नारेबाजी की और एक धरना दिया। धरने के बाद राजस्व विभाग के कर्मचारी आए और बोले कि हम जल्दी आपका चेक श्रम विभाग भेज देंगे सलगातार देरी पर देरी होने के कारण मजदूरों और राजस्व कर्मचारियों में काफी कहासुनी भी हुई कि आप पिछले 22 जुलाई से यही कह रहे हैं सअब जब तक चेक श्रम विभाग नहीं जाएगा। तब तक हम यही धरना दे रहे,तो उसी वक्त तहसील के राज्य कर्मचारी मजदूरों को साथ में ले गए और बैंक में जाकर चेक लाया गया और श्रम विभाग में के लिए रवाना कर दिया सतब मजदूर वहां से आये। राजा बिस्किट कंपनी में 17 साल से नौकरी करने के बाद भी अब मजदूरों को 12 000से 16000 रुपये के मध्य वेतन मिलता है अधिकतर मजदूर 40 साल के आसपास हो चुके है।ऐसे में जब मालिक एक कंपनी से 10 कंपनी खड़ी कर चुका हो और मजदूरों को 17 साल बाद भी अपने मेहनत की तनखा के लिए तरसना पड़े। यही हाल सिडकुल के अन्य कंपनियों के मजदूरों का भी है। सारे कंपनियों के मालिक संगठित होकर सरकार से मजदूरों को लूटने के लिए एक से एक नए कानून बना रहे हैं। मजदूरों में एका नहीं है जिसका फायदा पूंजीपति उठा रहे हैं। मजदूरों को भी एकजुट होकर अन्य फैक्ट्री के मजदूरों के साथ एकता बनानी होगी तभी मजदूर अपने हक अधिकार को पा सकते हैं। इंकलाबी मजदूर केंद्र के पंकज कुमार और राजू ने भी मजदूरों के साथ धरने में भागीदारी की और संघर्ष को पूर्ण सहयोग और समर्थन दिया धरने में ब्रज मोहन,बृजेश कुमार,सुनील ररावत, मोहन प्रसाद,बिशन पुरी,सोनू कुमार,रजनीश सिंह,तेजपाल,सुभाष अंकित कुमार,सूरज,नन्हें सिंह, सुनिल,विवेक,वशिष्ठ,बलजिन्दर,जितेन्द्र,अनीता,पूजा,समेत दर्जनों मजदूर उपस्थित रहे!
हरिद्वार। सिडकुल के राजा बिस्किट के 71 स्थाई मजदूरों को विगत 5 माह से वेतन नहीं मिला है। श्रम विभाग द्वारा अप्रैल और मई 2 माह के वेतन रिकवरी के लिए तहसील विभाग को नोटिस भेजा था ।22 जुलाई से तहसील में रिकवरी का चेक होने के कारण 15 अगस्त तक श्रम विभाग नहीं पहुचा जिस वजह से मजदूरों में काफी रोष था सआज दर्जनों की संख्या में मजदूर तहसील पहुंचे जमकर नारेबाजी की और एक धरना दिया। धरने के बाद राजस्व विभाग के कर्मचारी आए और बोले कि हम जल्दी आपका चेक श्रम विभाग भेज देंगे सलगातार देरी पर देरी होने के कारण मजदूरों और राजस्व कर्मचारियों में काफी कहासुनी भी हुई कि आप पिछले 22 जुलाई से यही कह रहे हैं सअब जब तक चेक श्रम विभाग नहीं जाएगा। तब तक हम यही धरना दे रहे,तो उसी वक्त तहसील के राज्य कर्मचारी मजदूरों को साथ में ले गए और बैंक में जाकर चेक लाया गया और श्रम विभाग में के लिए रवाना कर दिया सतब मजदूर वहां से आये। राजा बिस्किट कंपनी में 17 साल से नौकरी करने के बाद भी अब मजदूरों को 12 000से 16000 रुपये के मध्य वेतन मिलता है अधिकतर मजदूर 40 साल के आसपास हो चुके है।ऐसे में जब मालिक एक कंपनी से 10 कंपनी खड़ी कर चुका हो और मजदूरों को 17 साल बाद भी अपने मेहनत की तनखा के लिए तरसना पड़े। यही हाल सिडकुल के अन्य कंपनियों के मजदूरों का भी है। सारे कंपनियों के मालिक संगठित होकर सरकार से मजदूरों को लूटने के लिए एक से एक नए कानून बना रहे हैं। मजदूरों में एका नहीं है जिसका फायदा पूंजीपति उठा रहे हैं। मजदूरों को भी एकजुट होकर अन्य फैक्ट्री के मजदूरों के साथ एकता बनानी होगी तभी मजदूर अपने हक अधिकार को पा सकते हैं। इंकलाबी मजदूर केंद्र के पंकज कुमार और राजू ने भी मजदूरों के साथ धरने में भागीदारी की और संघर्ष को पूर्ण सहयोग और समर्थन दिया धरने में ब्रज मोहन,बृजेश कुमार,सुनील ररावत, मोहन प्रसाद,बिशन पुरी,सोनू कुमार,रजनीश सिंह,तेजपाल,सुभाष अंकित कुमार,सूरज,नन्हें सिंह, सुनिल,विवेक,वशिष्ठ,बलजिन्दर,जितेन्द्र,अनीता,पूजा,समेत दर्जनों मजदूर उपस्थित रहे!
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