हरिद्वार। थाना सिडकुल पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर एक नामजद व एक अज्ञात के खिलाफ महिला से दुष्कर्म,गाली-गलौच,मारपीट के मामले मे कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार लक्सर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी महिला के साथ सिडकुल में दुष्कर्म का मामला बताया जा रहा है। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर एक नामजद और एक अज्ञात के खिलाफ गाली-गलौज, मारपीट, दुष्कर्म और जान से मारने की धमकी देने सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। महिला का आरोप है कि उसका अपने पति से विवाद चल रहा है। जो न्यायालय में विचाराधीन है। 30 जुलाई को मुकदमे की तारीख पर रोशनानाबाद कोर्ट आई थी। कोर्ट से घर जाने के लिए वह अपनी एक महिला जानकर के साथ चौराहे पर खड़ी थी। उसी समय सहारनपुर निवासी व्यक्ति सुलह कराने के लिए उसके पास आया। महिला व्यक्ति और अपनी दोस्त के साथ सिडकुल के एक स्थान में चली गई। यहां पहले से ही एक और व्यक्ति मौजूद था। आरोप है कि महिला की दोस्त को चाकू दिखाकर डरा-धमका और पति के खिलाफ किए केस को वापस लेने को कहा। मुकदमा वापस न लेने पर जान से मारने की नीयत से मारपीट कर दुष्कर्म किया। आरोप है कि रस्सी से गला घोटा। जिससे महिला बेसुध होकर गिर गई। आरोप है कि आरोपी महिला को वहीं छोड़कर भाग निकले। महिला का आरोप है कि एसएसपी और सिडकुल पुलिस में शिकायत दी गई। लेकिन उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थक हार कर उन्हें कोर्ट की शरण लेनी पड़ी। थाना प्रभारी निरीक्षक प्रमोद कुमार उनियाल के अनुसार महिला की शिकायत पर मेहरबान पुत्र अतीक निवासी-ग्राम सरकडी,थाना कोतवाली देहात सहारनपुर जिला सहारनपुर और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ गाली-गलौज, मारपीट, दुष्कर्म और जान से मारने की धमकी देने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
हरिद्वार। भाजपा की ओर से ऋषिकेश मेयर,मण्डल अध्यक्ष सहित तीन नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के अन्दर नोटिस का जबाव मांगा गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ऋषिकेश की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश रावत को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चैहान के अनुसार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस में सभी को एक सप्ताह के भीतर अपना स्पष्टीकरण लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष अथवा महामंत्री को देने को कहा गया है।
Comments
Post a Comment