हरिद्वार। अरुणाचल के निगलोक में पतंजलि संस्थान ने ऑयल पॉम मिल का शिलान्यास किया। शिलान्यास के समय आचार्य बालकृष्ण और अरुणाचल प्रदेश सरकार के कृषि, दुग्ध उत्पादन और मछली पालन मंत्री तागे ताकी मौजूद रहे। पतंजलि फूड्स लिमिटेड ने ऑयल पॉम मिल की स्थापना के लिए 31 अगस्त को औद्योगिक विकास केंद्र, निगलोक, जिला पूर्वी सियांग, अरुणाचल प्रदेश में आधारशिला रखी। पतंजलि फूड्स अरुणाचल के नौ जिलों में किसानों के साथ मिलकर 38 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में पॉम ऑयल प्लांटेशन की योजना पर काम कर रहा है। देश में 5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर पॉम ऑयल प्लांटेशन की खेती करने की परियोजना है। जिसमें से 3.2 लाख हेक्टेयर उत्तर-पूर्वी राज्यों में होगा। इस उत्तर-पूर्वी ऑयल पॉम कार्यक्रम से अगले 30 वर्षों में अरुणाचल प्रदेश राज्य की अर्थव्यवस्था को लाभ होगा। इस परियोजना से औसतन लगभग 7.5 लाख मीट्रिक टन पॉम तेल का वार्षिक उत्पादन होगा और लगभग 5.8 लाख व्यक्तियों के लिए रोजगार का सृजन होगा। इसके अतिरिक्त विदेशी मुद्रा व्यय में अनुमानित लगभग 10,500 करोड़ रुपये की सालाना बचत होगी।आंध्र प्रदेश,तेलंगाना,कर्नाटक,गुजरात,ओडिशा,तमिलनाडु,छत्तीसगढ़,अरुणाचल प्रदेश,असम, मिजोरम और त्रिपुरा जैसे 11 राज्यों के 55 जिलों में पतंजलि का पॉम ऑयल प्लांटेशन हैं। 43 हजार किसान परिवारों के साथ पॉम ऑयल प्लांटेशन के तहत 60 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में काम कर रहे है। आंध्र प्रदेश में 182 किसान सूचना व एफएफबी खरीद केंद्र, 22 उर्वरक गोदाम और 2 अत्याधुनिक ऑयल पॉम प्रसंस्करण मिल हैं। पतंजलि फूड्स लिमिटेड,खाद्य तेल और डेरिवेटिव,ऑयल पॉम प्लांटेशन,फूड एवं एफएमसीजी और न्यूट्रास्युटिकल क्षेत्र में व्यावसायिक हित के साथ एक बड़ा विविध समूह है। कम्पनी ने पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 48 फीसद की वृद्धि दर्ज करते हुए वित्त वर्ष 2022 में 24,205 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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