हरिद्वार। नीलधारा तट स्थित श्री दक्षिण काली मंदिर में लोक कल्याण के लिए आयोजित निंरजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी की विशेष शिव साधना का श्रावण पूर्णिमा को गंगा पूजन के साथ समापन हुआ। साधना के समापन पर भक्तों को आशीर्वचन प्रदान करते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि शिव साधना कभी निष्फल नहीं जाती है। श्रद्धालु भक्तों के भावपूर्ण स्मरण व जलाभिषेक से ही भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं और संकटों को दूर कर धन वैभव प्रदान करते हैं। इसलिए सभी को पूर्ण समर्पण भाव से शिव आराधना अवश्य करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म व संस्कृति व्यक्ति को सद्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है। सभी को संत महापुरूषों के सानिध्य में सनातन परंपरांओं का पालन करते हुए मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए। इस दौरान हरिद्वार के संत महापुरुषों ने भगवान शिव को जल अर्पित कर विश्व कल्याण की कामना की। इस दौरान मौजूद श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि संतों का जीवन सदैव परोपकार को समर्पित रहता है। निर्मल जल के समान सादा जीवन जीने वाले संत महापुरुष सनातन धर्म के पुरोधा हैं। जो अनादि काल से भारतीय परंपराओं का निर्वहन करते हुए राष्ट्र निर्माण में अपनी सहभागिता को सुनिश्चित कर रहे हैं। सभी को स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज पर गौरव है कि वह प्रत्येक वर्ष कठिन साधना के द्वारा विश्व कल्याण की कामना करते हैं। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज एक दिव्य एवं तपस्वी महापुरुष हैं। जो सनातन परंपराओं का निर्वहन करते हुए संपूर्ण मानव जाति के कल्याण के लिए पूरे श्रावण मास भगवान शिव की विशेष और कठिन साधना करते हैं। युवा पीढ़ी को उनके आदर्शपूर्ण जीवन से प्रेरणा लेकर धर्म के संरक्षण संवर्धन में अपना सहयोग प्रदान करना चाहिए। महामण्डलेश्वर स्वामी कपिलमुनि एवं चेतन ज्योति आश्रम के अध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि शिवोपासना सभी के लिए सर्वदा कल्याणकारी होती है और स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज द्वारा प्रति वर्ष गंगा तट पर किया जाने वाला विशेष अनुष्ठान अवश्य ही जगत में नई ऊर्जा का संचार करता है। संत महापुरुषों का जीवन हमेशा से ही धर्म की पताका को फहराने में राष्ट्र को उन्नति की ओर अग्रसर करने में रहता है। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज एक महान संत हैं। संत समाज उनकी दीर्घायु की कामना करता है स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी महाराज ने फूलमाला पहनाकर सभी संत महापुरुषों का स्वागत किया। इस अवसर पर महंत कमलदास, स्वामी सत्यव्रतानन्द, महंत रामरतन गिरी, बाबा हठयोगी, महंत दुर्गादास, लाल बाबा, आचार्य पवनदत्त मिश्र, पंडित प्रमोद पांडे, स्वामी कृष्णानंद ब्रह्मचारी, बालमुकुंदानंद ब्रह्मचारी, स्वामी अनुरागी महाराज सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
Comments
Post a Comment