हरिद्वार। इन्टरनेशनल गुडविल सोसायटी ऑफ इंडिया हरिद्वार चेप्टर द्वारा नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर वेबिनार आयोजित की गई। इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष ई मधुसूदन आर्य ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि आजादी के महानायक नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने असाधारण देशप्रेम,अदम्य साहस व तेजस्वी वाणी से युवाओं को संगठित कर विदेशी शासन की नींव हिला दी। मातृभूमि के लिए उनका अद्वितीय त्याग,तप व संघर्ष सदैव देश का मार्गदर्शन करता रहेगा। सोसाइटी के संरक्षक जगदीश लाल पाहवा ने कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को हुआ और इनका निधन 18 अगस्त 1945 में हुआ था। जब उनकी मृत्यु हुयी तो ये केवल 48 वर्ष के थे। वो एक महान भारतीय राष्ट्रवादी नेता थे जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारत की आजादी के लिये द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बड़ी हिम्मत से लड़ा था। नेताजी 1920 और 1930 के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के स्वच्छंद भाव,युवा और कोर नेता थे। वो 1938 में कांग्रेस अध्यक्ष बने हालांकि 1939 में उन्हें हटा दिया गया था। नेताजी भारत के एक क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने बहुत संघर्ष किया और एक बड़ी भारतीय आबादी को स्वतंत्रता संघर्ष के लिये प्रेरित किया। वेबिनार में डॉ सुनील बत्रा ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस भारतीय राष्ट्रवादी थे जिनकी भारत के प्रति देशभक्ति ने कई भारतीयों के दिलों में छाप छोड़ी है। उन्हें आजाद हिंद फौज के संस्थापक के रूप में जाना जाता है और उनका प्रसिद्ध नारा तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा है। डॉ पवन सिंह ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस को असाधारण नेतृत्व कौशल और एक करिश्माई वक्ता के साथ सबसे प्रभावशाली स्वतंत्रता सेनानी माना जाता है। राष्ट्रीय मानव अधिकार संरक्षण समिति ट्रस्ट उत्तराखंड पश्चिम की प्रांतीय उपाध्यक्षा रेखा नेगी ने कहा कि भारतीय इतिहास में सुभाष चन्द्र बोस एक सबसे महान व्यक्ति और बहादुर स्वतंत्रता सेनानी थे। भारत के इतिहास में स्वतंत्रता संघर्ष के लिये दिया गया उनका महान योगदान अविस्मरणीय हैं। वो वास्तव में भारत के एक सच्चे बहादुर हीरो थे जिसने अपनी मातृभूमि की खातिर अपना घर और आराम त्याग दिया था। वो हमेशा हिंसा में भरोसा करते थे और ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता पाने के लिये सैन्य विद्रोह का रास्ता चुना। वेबिनार का संचालन करते हुए आर्य प्रवीण वैदिक ने कहा कि सुभाष चन्द्र बोस पूरे भारत भर में नेताजी के नाम से मशहूर हैं। वो भारत के एक क्रांतिकारी व्यक्ति थे जिन्होंने भारत की आजादी के लिये बहुत बड़ा योगदान दिया। इस अवसर पर डॉ विशाल गर्ग,प्रवीण अग्रवाल, विशाल सक्सेना,अंजली माहेश्वरी,प्रमोद शर्मा,डॉ महेंद्र आहूजा,सर्वेश गुप्ता,यू के गुप्ता,नीरज मित्तल,डॉ अतर सिंह, जे0के0 शर्मा,सुरेश चन्द्र गुप्ता,गोपाल शर्मा एडवोकेट,डा0 अतर सिंह,डा0 राजीव चतुर्वेदी,डा0 पंकज कौशिक, हेमंत सिंह नेगी, कुलभूषण शर्मा,नीलम रावत, साधना रावत कंडारी,नुपूर पाल, अनिल कंसल,शोभा शर्मा, भारती सिंह, अंकुर गोयल,जगदीश बावला,राजीव राय,जितेंद्र कुमार शर्मा,विमल कुमार गर्ग,आर के गर्ग,प्रमोद शर्मा,डॉक्टर मनीषा दीक्षित, प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव, सुबोध गुप्ता,लतिका आर्य, करुणा महेश्वरी आदि उपस्थित रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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