हरिद्वार।देवसंस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज, हरिद्वार अपने अनूठे पाठ्यक्रमों एवं रचनात्मक कार्यक्रमों के लिए देश-विदेश में विख्यात हैं। यहाँ चलने वाले गीता-ध्यान की कक्षा हो, योग हो या पाठ्यक्रम के अलावा युवाओं हेतु चलने वाले व्यक्तित्व विकास की कक्षा। इन सभी में विद्यार्थियों के अलावा आचार्यगण भी भागीदारी करते हैं। शांतिकुंज स्वर्ण जयंती व्याख्यानमाला की इस कड़ी में राष्ट्रमण्डल राष्ट्रों की महासचिव सुश्री बोरेनेश पेट्रीसिया स्काटलैण्ड के मुख्य आतिथ्य में देसंविवि के मुख्य सभागार में विशेष व्याख्यानमाला का आयोजन सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर इग्लैण्ड की प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ सुश्री पेट्रीसिया ने कहा कि आप सभी अभी युवा हैं और देसंविवि ने ज्ञान बढ़ाने का जो आपको अवसर दिया है, इसे गंवायें नहीं। क्योंकि कैरियर को संवारने का यही सुनहरा अवसर है। उन्होंने कहा कि विश्व को ज्ञान, आध्यात्मिकता और आशा के सूत्रों को मानवता एवं एकता के धागे में पिरोकर ही कार्य करने होंगे। उन्होंने कहा कि विश्व को मानवता को बचाये रखने के लिए पर्यावरण संरक्षण और भूखमरी के लिए मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है। अखिल विश्व गायत्री परिवार के नेतृत्व में पर्यावरण संरक्षण एवं मानवता के लिए जो कार्य हो रहे हैं, वह पूरे राष्ट्र मण्डल देशों के साथ सम्पूर्ण विश्व के लिए प्रेरणास्त्रोत है। इससे पूर्व देसंविवि के प्रतिकुलपति डॉ.चिन्मय पण्ड्या ने कार्यक्रम की रूपरेखा बताते हुए विवि की रचनात्मक गतिविधियों एवं महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी युगऋषि पूज्य पं.श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा स्थापित गायत्री तीर्थ शांतिकुंज की परिकल्पनाओं एवं योजनाओं पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। कुलपति शरद पारधी ने सभी का आभार प्रकट किया। इसके पश्चात कुलपति एवं प्रतिकुलपति ने मुख्य अतिथि ब्रिट्रिश राजनीयिक सुश्री पेट्रीसिया को गायत्री मंत्र लिखित चादर,गंगाजली,युगसाहित्य,स्मृति चिह्न आदि भेंटकर सम्मानित किया। इससे पूर्व मुख्य अतिथि सुश्री पेट्रीसिया ने देसंविवि में स्थापित एशिया के एकमात्र बाल्टिक सेंटर का अवलोकन किया। सेंटर द्वारा भारतीय संस्कृति के विस्तार में चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों पर प्रसन्नता व्यक्त की। इस दौरान स्वरोजगार की प्रेरित करने वाले स्वावलंबन कार्यशाला एवं गौशाला का भी निरीक्षण किया। महासचिव सुश्री पेट्रीसिया ने प्रज्ञेश्वर महादेव की पूजा अर्चना कर विश्वशांति की कामना की और मंदिर परिसर में पौधे रोपे। इस दौरान समस्त विभागाध्यक्ष सहित देसंविवि व शांतिकुंज परिवार के अनेक कार्यकर्तागण उपस्थित रहे। पश्चात सुश्री पेट्रीसिया गायत्री तीर्थ शांतिकुंज पहुंची जहाँ उन्होंने युगऋषिद्वय की पावन समाधि में पुष्पांजलि अर्पित कर सम्पूर्ण मानवता के विकास हेतु प्रार्थना की। शांतिकुंज के विभिन्न विभागों का अवलोकन किया।
हरिद्वार।देवसंस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज, हरिद्वार अपने अनूठे पाठ्यक्रमों एवं रचनात्मक कार्यक्रमों के लिए देश-विदेश में विख्यात हैं। यहाँ चलने वाले गीता-ध्यान की कक्षा हो, योग हो या पाठ्यक्रम के अलावा युवाओं हेतु चलने वाले व्यक्तित्व विकास की कक्षा। इन सभी में विद्यार्थियों के अलावा आचार्यगण भी भागीदारी करते हैं। शांतिकुंज स्वर्ण जयंती व्याख्यानमाला की इस कड़ी में राष्ट्रमण्डल राष्ट्रों की महासचिव सुश्री बोरेनेश पेट्रीसिया स्काटलैण्ड के मुख्य आतिथ्य में देसंविवि के मुख्य सभागार में विशेष व्याख्यानमाला का आयोजन सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर इग्लैण्ड की प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ सुश्री पेट्रीसिया ने कहा कि आप सभी अभी युवा हैं और देसंविवि ने ज्ञान बढ़ाने का जो आपको अवसर दिया है, इसे गंवायें नहीं। क्योंकि कैरियर को संवारने का यही सुनहरा अवसर है। उन्होंने कहा कि विश्व को ज्ञान, आध्यात्मिकता और आशा के सूत्रों को मानवता एवं एकता के धागे में पिरोकर ही कार्य करने होंगे। उन्होंने कहा कि विश्व को मानवता को बचाये रखने के लिए पर्यावरण संरक्षण और भूखमरी के लिए मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है। अखिल विश्व गायत्री परिवार के नेतृत्व में पर्यावरण संरक्षण एवं मानवता के लिए जो कार्य हो रहे हैं, वह पूरे राष्ट्र मण्डल देशों के साथ सम्पूर्ण विश्व के लिए प्रेरणास्त्रोत है। इससे पूर्व देसंविवि के प्रतिकुलपति डॉ.चिन्मय पण्ड्या ने कार्यक्रम की रूपरेखा बताते हुए विवि की रचनात्मक गतिविधियों एवं महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी युगऋषि पूज्य पं.श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा स्थापित गायत्री तीर्थ शांतिकुंज की परिकल्पनाओं एवं योजनाओं पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। कुलपति शरद पारधी ने सभी का आभार प्रकट किया। इसके पश्चात कुलपति एवं प्रतिकुलपति ने मुख्य अतिथि ब्रिट्रिश राजनीयिक सुश्री पेट्रीसिया को गायत्री मंत्र लिखित चादर,गंगाजली,युगसाहित्य,स्मृति चिह्न आदि भेंटकर सम्मानित किया। इससे पूर्व मुख्य अतिथि सुश्री पेट्रीसिया ने देसंविवि में स्थापित एशिया के एकमात्र बाल्टिक सेंटर का अवलोकन किया। सेंटर द्वारा भारतीय संस्कृति के विस्तार में चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों पर प्रसन्नता व्यक्त की। इस दौरान स्वरोजगार की प्रेरित करने वाले स्वावलंबन कार्यशाला एवं गौशाला का भी निरीक्षण किया। महासचिव सुश्री पेट्रीसिया ने प्रज्ञेश्वर महादेव की पूजा अर्चना कर विश्वशांति की कामना की और मंदिर परिसर में पौधे रोपे। इस दौरान समस्त विभागाध्यक्ष सहित देसंविवि व शांतिकुंज परिवार के अनेक कार्यकर्तागण उपस्थित रहे। पश्चात सुश्री पेट्रीसिया गायत्री तीर्थ शांतिकुंज पहुंची जहाँ उन्होंने युगऋषिद्वय की पावन समाधि में पुष्पांजलि अर्पित कर सम्पूर्ण मानवता के विकास हेतु प्रार्थना की। शांतिकुंज के विभिन्न विभागों का अवलोकन किया।
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