हरिद्वार। भारतीय जागरूकता समिति की बैठक में उल्लास के साथ आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हुए घर घर तिरंगा लगाने एवं तिरंगे का सम्मान बनाए रखने की अपील की गयी। बैठक को संबोधित करते हुए समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नितिन गौतम ने कहा कि सभी को आजादी के अमृत महोत्सव में सहभागिता करनी चाहिये। घर-घर तिरंगा कार्यक्रम देश को एक सूत्र में जोड़ने का उत्तम प्रयास है। समिति की विमेंस विंग की अध्यक्ष शिवानी गौड़ ने कहा कि सभी को अभियान से जुड़कर दुनिया के सामने एक मिसाल कायम करनी चाहिये और अपने राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान रखना चाहिये। समिति के अध्यक्ष एवं हाईकोर्ट के अधिवक्ता ललित मिगलानी ने कहा कि भारतीय ध्वज संहिता के अनुसार तिरंगे की गरिमा और सम्मान का अनादर किए बिना सभी अवसरों पर सभी स्थानों पर तिरंगा फहराया जा सकता है। झंडा किसी भी आकार का हो सकता है। लेकिन इसकी लंबाई और ऊंचाई का अनुपात आयताकार आकार में तीन गुना दो होना चाहिये। मिगलानी ने बताया कि राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 की धारा 2 के अनुसार राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किए जाने पर तीन वर्ष की सजा या जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान है। राष्ट्रीय झंडा हाथ से काते और बुने गए ऊनी,सूती,सिल्क या खादी से बना होना चाहिए। झंडे का आकार आयताकार होना चाहिए। सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच ही तिरंगा फहराया जा सकता है। झंडे को पानी में नहीं डुबोया जा सकता। राष्ट्रीय ध्वज का व्यवसायिक इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। तिरंगे की यूनिफॉर्म बनाकर पहनना भी गलत है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम समाप्त होने के उपरांत ध्वज को सम्मान सहित सहज कर रखें। बैठक में विनायक गौर,अर्चना शर्मा,रूपम जौहरी, अर्पित सक्सेना, वर्षा श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।
हरिद्वार। भारतीय जागरूकता समिति की बैठक में उल्लास के साथ आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हुए घर घर तिरंगा लगाने एवं तिरंगे का सम्मान बनाए रखने की अपील की गयी। बैठक को संबोधित करते हुए समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नितिन गौतम ने कहा कि सभी को आजादी के अमृत महोत्सव में सहभागिता करनी चाहिये। घर-घर तिरंगा कार्यक्रम देश को एक सूत्र में जोड़ने का उत्तम प्रयास है। समिति की विमेंस विंग की अध्यक्ष शिवानी गौड़ ने कहा कि सभी को अभियान से जुड़कर दुनिया के सामने एक मिसाल कायम करनी चाहिये और अपने राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान रखना चाहिये। समिति के अध्यक्ष एवं हाईकोर्ट के अधिवक्ता ललित मिगलानी ने कहा कि भारतीय ध्वज संहिता के अनुसार तिरंगे की गरिमा और सम्मान का अनादर किए बिना सभी अवसरों पर सभी स्थानों पर तिरंगा फहराया जा सकता है। झंडा किसी भी आकार का हो सकता है। लेकिन इसकी लंबाई और ऊंचाई का अनुपात आयताकार आकार में तीन गुना दो होना चाहिये। मिगलानी ने बताया कि राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 की धारा 2 के अनुसार राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किए जाने पर तीन वर्ष की सजा या जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान है। राष्ट्रीय झंडा हाथ से काते और बुने गए ऊनी,सूती,सिल्क या खादी से बना होना चाहिए। झंडे का आकार आयताकार होना चाहिए। सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच ही तिरंगा फहराया जा सकता है। झंडे को पानी में नहीं डुबोया जा सकता। राष्ट्रीय ध्वज का व्यवसायिक इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। तिरंगे की यूनिफॉर्म बनाकर पहनना भी गलत है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम समाप्त होने के उपरांत ध्वज को सम्मान सहित सहज कर रखें। बैठक में विनायक गौर,अर्चना शर्मा,रूपम जौहरी, अर्पित सक्सेना, वर्षा श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।
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