हरिद्वार। बर्मिंघम में आयोजित राष्टमंडल खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम की सदस्य पद्मश्री सम्मान से विभूषित वंदना कटारिया के अपने गृहनगर हरिद्वार पहुंचने पर कवि,खेल पत्रकार तथा चेतना पथ के संपादक अरुण कुमार पाठक ने वंदना कटारिया के दीपगंगा रोशनाबाद स्थित निवास पर मुलाकात कर उनका स्वागत किया और उनकी उपलब्धियों पर उन्हें बधाई दी। उन्होंने इस दौरान वंदना को मासिक पत्रिका चेतना पथ की प्रतियों के साथ-साथ अपनी हाल ही में प्रकाशित पुस्तक आजादी के परवाने (75 स्वाधीनता संग्राम सेनानियों की वीरगाथा) भी भेंट की। मुलाकात के दौरान विद्या विहार एकेडमी के प्रबन्धक विजयेन्द्र पालीवाल भी उपस्थित रहे। मुलाकात के दौरान वंदना ने भी अरुण पाठक को पद्मश्री सम्मान के लिये नामांकन करने पर, उनका धन्यवाद दिया और कहा कि उन्हें यह पुरस्कार मिलने से उत्तराखंड में हाकी को एक नया आयाम मिलेगा। वंदना ने बताया कि अब उनका अगला मुख्य लक्ष्य एशियाई खेल हैं। जो अगले वर्ष चीन के हांग झोऊ शहर में 23 सितम्बर से 8 अक्टूबर तक आयोजित किये जायेंगे। पहले यह खेल इसी वर्ष सितम्बर में आयोजित किये जाने थे। जिन्हें कोरोना महामारी के कारण तैयारी पूर्ण न हो पाने के कारण एक वर्ष के लिये स्थगित कर दिया गया था। अंतर्राष्ट्रीय महिला हॉकी खिलाड़ी वंदना स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से दो दिन के लिये अपने गृहनगर हरिद्वार आईं थीं। इस मुलाकात के बाद वंदना हरिद्वार से मुम्बई रवाना हो गयीं हैं। जहां से कुछ दिनों के बाद वह बंगलुरू जायेंगी तथा लगभग एक वर्ष से भी अधिक समय तक चलने वाले एशियाई खेलों के प्रशिक्षण शिविर में शामिल होंगी।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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