हरिद्वार। निंरजन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा है कि महादेव भगवान शिव की उपासना अमोघ फल प्रदान करती है। शिव कृपा से साधक के सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। श्रावण मास में जो श्रद्धालु भक्त पूर्ण विधि विधान से भगवान शिव की आराधना करते हैं उन पर शिव कृपा असीम रूप से बरसती है और उनका जीवन सदैव उन्नति की ओर अग्रसर रहता है। नीलधारा तट स्थित श्री दक्षिकाली मंदिर में लोक कल्याण के लिए पूरे सावन चलने वाले भगवान शिव के निमित्त विशेष अनुष्ठान के दौरान श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि भगवान शिव सृष्टि के प्रधान देव हैं। अन्य देवी देवता भी उनकी आराधना करते हैं। उन्होंने कहा कि सामान्य रूप से तो भगवान शिव की आराधना प्रत्येक दिन की जाती है। लेकिन श्रावण मास भगवान शिव की आराधना को ही समर्पित है। भगवान शिव अपने राजा दक्ष को दिए वचन का पालन करते हुए पूरे श्रावण मास कनखल स्थित दक्ष महादेव मंदिर में विराजमान रहकर सृष्टि का संचालन करते हैं। ऐसे में हरिद्वार के गंगा तट पर उनकी आराधना का महत्व और अधिक हो जाता है। श्रद्धालु भक्तों को पूरे श्रावण मास गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक अवश्य करना चाहिए। दयालु व कृपालु अपने भक्तों में कोई भेद नहीं करते हैं और जलाभिषेक से ही प्रसन्न होकर भक्तों की सभी इच्छाएं पूर्ण कर देते हैं। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के शिष्य स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि बुधवार को विभिन्न प्रकार के पुष्पों से भगवान भोलेनाथ का श्रंग्रार कर पंचामृत से जलाभिषेक किया गया और अनेक प्रकार फलों व मिष्ठान का भोग अर्पित किया गया। स्वामी अवंतिकांनद ब्रह्मचारी ने बताया कि गुरूदेव स्वामी कैलाशानंद गिरी द्वारा लोक कल्याण के लिए किए जा रहे विशेष अनुष्ठान का समापन गुरूवार को श्रावण पूर्णिमा के दिन होगा। अनुष्ठान के समापन पर विशेष हवन व भव्य आरती का आयोजन किया जाएगा। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन जन सम्मिलित होंगे। इस अवसर पर स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी महाराज लाल बाबा,,आचार्य पवनदत्त मिश्र,पंडित प्रमोद पांडे,स्वामी कृष्णानंद ब्रह्मचारी,बालमुकुंदानंद ब्रह्मचारी,स्वामी अनुरागी महाराज सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
Comments
Post a Comment