हरिद्वार,। राजभाषा कार्यान्वयन समिति के तत्वावधान में बीएचईएल में राजभाषा उत्सव -2022 का आयोजन किया जा रहा है। उत्सव का शुभारंभ अभियांत्रिकी भवन सभागार में पत्र, टिप्पणी एवं अनुवाद प्रतियोगिता के आयोजन के साथ किया गया जिसमें अनेक कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया। बीएचईएल के कार्यपालक निदेशक प्रवीण चन्द्र झा ने अपने संदेश में सभी कर्मचारियों को राजभाषा उत्सव की शुभकामनाएं दी और हिंदी को सम्पूर्ण रूप से अपनी कार्यशैली का अभिन्न अंग बनाने पर जोर दिया। समारोह को सम्बोधित करते हुए महाप्रबंधक मानव संसाधन नीरज कुमार दवे ने कहा कि राजभाषा कार्यान्वयन को हम केवल एक संवैधानिक दायित्व न मानकर एक उत्सव के रूप में मनाएं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के राजभाषा उत्सव तथा हिंदी माह आदि के आयोजन हिंदी में काम करने की हमारी झिझक को दूर करते हैं। उल्लेखनीय है कि बीएचईएल द्वारा प्रभाग में हिंदी के प्रयोग को बढ़ाने एवं सभी कर्मचारियों को हिंदी में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु इस वर्ष सितंबर माह को राजभाषा उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। इस उपलक्ष्य में राजभाषा विभाग द्वारा विभिन्न हिंदी प्रतियोगिताएं आदि भी आयोजित की जा रही हैं। इस अवसर पर अपर महाप्रबंधक (मानव संसाधन) पी.के.श्रीवास्तव,वरि.उपमहाप्रबंधक (मानव संसाधन) दुर्गा प्रसाद पात्रो,उप महाप्रबंधक (राजभाषा) हरीश सिंह बगवार,वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी श्रीमती शशी सिंह तथा अन्य विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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