हरिद्वार। भागवतकथा व्यास स्वामी सच्चिदानंद शास्त्री ने कहा कि संसार में श्री मद्भागवत कथा को कहने और सुनने वाले बहुत हैं,लेकिन कथा को सुनकर उसका चिंतन और मनन करने वाले लोगों की संख्या नगण्य है। इसके चलते लोगों को श्रीमद्भागवत कथा को सुनकर भी कोई लाभ नहीं होता, लेकिन जो लोग कथा को सुनकर आत्मसात कर लेते हैं। ऐसे लोगों को परम आनंद की प्राप्ति होती है और उनका कल्याण होता है। उड़ीसा से पधारे बीसीसीआई के पूर्व जोन के सदस्य नगरी बाबू ने कहा कि तीर्थनगरी हरिद्वार में वृन्दावन के आचार्य सच्चिदानंद शास्त्री की कथा सुनने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु उड़ीसा से आये हैं। कथा को सुनकर सभी लोग आनंदित और प्रफुल्लित महसूस कर रहे हैं। गौरतलब है कि श्री मद्भागवत जयंती के पावन अवसर पर गुरूमंडलाश्रम के गुरूदेव लोक संस्कृति भवन,देवपुरा, में चल रही श्रीमद्भागवत भक्ति ज्ञान यज्ञ के पंचम दिवस पर कथा व्यास श्रीमद् भागवत नाम प्रचार समिति के अध्यक्ष श्री महंत सच्चिदानंद शास्त्री महाराज,(श्री गोपालजी मंदिर,पत्थरपुरा, श्री धाम वृंदावन) ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करने से परम आनंद की प्राप्ति होती है। ऐसा आनंद जिसे लाखों-करोड़ों खर्च कर भी नहीं किया जा सकता। आध्यात्मिक व्यक्ति का जीवन उत्थान और अग्रसर होता है, वहीं मोह माया के फेर में फंसकर पतन की ओर अग्रसर होता है। वास्तविक सुख और शांति प्राप्त करने के लिए मनुष्य को ईश्वर की साधना में लीन होना होगा। श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करने वालों में श्रीनिवास दास, विजय कुमार शर्मा,कृष्ण घनश्याम अग्रवाल,अशोक शर्मा,रामू अग्रवाल,बल्लू शाह,राजकुमार अग्रवाल, प्रह्लाद अग्रवाल,ऋषिकेश मिश्र,राधाकृष्ण अग्रवाल, रुपेश अग्रवाल, गणेश अग्रवाल, हरिनारायण पुजारी राम कुमार गुप्ता,सुभाष अग्रवाल,नरसिंह अग्रवाल,रामभज अग्रवाल,गजानंद शर्मा, परमेश्वर कुमारी, फतेह चंद अग्रवाल,सतीश चंद जैन,शैलेंद्र पुजारी, नरेश कुमार, सिंगर गीता अग्रवाल, विमलाबाई,कस्तूरीबाई सीमा अग्रवाल सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा कि वर्तमा
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