हरिद्वार। इन दिनों पंचपुरी में गणेश महोत्सव की धूम है। हर तरफ गणेश की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना की जा रही है। आस्था के इस महोसत्व मे महिलायें भी आगे आ रही हैं। ऋषिकुल कालोनी में महिलाओं ने पूरे हर्षोल्लास के साथ गणपति महोत्सव का आयोजन कर महिला सशक्तिकरण को प्रदर्शित करने का कार्य किया है। ऋषिकुल की स्थानीय महिला एवं बच्चों ने पारंपरिक रूप से फ्रेंड गणेश महोत्सव का आयोजन कर पूरे सात दिन तक अलग-अलग ड्रेस कोड के साथ भगवान विघ्नहर्ता की पूजा अर्चना कर जन कल्याण की कामना की। इन सात दिनों में बच्चों एवं महिलाओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। 31 अगस्त से शुरू हुए गणेश महोत्सव की शुरुआत पारंपरिक पूजा अर्चना के साथ हुई। सात दिनों तक पूजा अर्चना के बाद भगवान गणेश की प्रतिमा को विसर्जित किया गया। इस महोत्सव की खास बात यह रही की इसे संपन्न कराने में केवल महिलाओं का ही योगदान रहा,जबकि बच्चों ने उनका साथ दिया। सात दिन में सभी महिलाएं एवं बच्चे अलग-अलग रंग के कपड़े जो कि दिन के हिसाब से ड्रेस तय किया गया था, पहनकर पूजा अर्चना की। प्रतिदिन सांयकाल महिला एवं बच्चों के समूह द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किए गए। विसर्जन से पूर्व सामूहिक भंडारे का आयोजन किया गया। भंडारा संपन्न होने के बाद महिलाओं ने प्रतिमा का विधि विधान से विसर्जन किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत डांस करने वाले बच्चों में सुरभि,राधिका,प्रिया,कृष्ण,ईशा,कार्तिक, खुशी,देवांश,मितान,जय,सांची, वैष्णवी, अनु, सानिया, अनन्या तथा परी ने अपने प्रदर्शन से लोगों की खूब तालियां बटोरी। गणपति महोत्सव को संपन्न कराने में योगदान देने वाली महिलाओं में ज्योति अग्रवाल,ममता चौधरी ,सतपाल कौर,कमल,लवली लालवानी,प्रिया केसवानी,सुदामा,पूजा दत्त,मंजू तिवारी,नैना लाल ,मीणा नौटियाल,श्वेता श्रीवास्तव,निवेदिता,सोनू सिंह,ममता जोशी,उषा नौटियाल सहित कई महिलाएं शामिल रही।
हरिद्वार। इन दिनों पंचपुरी में गणेश महोत्सव की धूम है। हर तरफ गणेश की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना की जा रही है। आस्था के इस महोसत्व मे महिलायें भी आगे आ रही हैं। ऋषिकुल कालोनी में महिलाओं ने पूरे हर्षोल्लास के साथ गणपति महोत्सव का आयोजन कर महिला सशक्तिकरण को प्रदर्शित करने का कार्य किया है। ऋषिकुल की स्थानीय महिला एवं बच्चों ने पारंपरिक रूप से फ्रेंड गणेश महोत्सव का आयोजन कर पूरे सात दिन तक अलग-अलग ड्रेस कोड के साथ भगवान विघ्नहर्ता की पूजा अर्चना कर जन कल्याण की कामना की। इन सात दिनों में बच्चों एवं महिलाओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। 31 अगस्त से शुरू हुए गणेश महोत्सव की शुरुआत पारंपरिक पूजा अर्चना के साथ हुई। सात दिनों तक पूजा अर्चना के बाद भगवान गणेश की प्रतिमा को विसर्जित किया गया। इस महोत्सव की खास बात यह रही की इसे संपन्न कराने में केवल महिलाओं का ही योगदान रहा,जबकि बच्चों ने उनका साथ दिया। सात दिन में सभी महिलाएं एवं बच्चे अलग-अलग रंग के कपड़े जो कि दिन के हिसाब से ड्रेस तय किया गया था, पहनकर पूजा अर्चना की। प्रतिदिन सांयकाल महिला एवं बच्चों के समूह द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किए गए। विसर्जन से पूर्व सामूहिक भंडारे का आयोजन किया गया। भंडारा संपन्न होने के बाद महिलाओं ने प्रतिमा का विधि विधान से विसर्जन किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत डांस करने वाले बच्चों में सुरभि,राधिका,प्रिया,कृष्ण,ईशा,कार्तिक, खुशी,देवांश,मितान,जय,सांची, वैष्णवी, अनु, सानिया, अनन्या तथा परी ने अपने प्रदर्शन से लोगों की खूब तालियां बटोरी। गणपति महोत्सव को संपन्न कराने में योगदान देने वाली महिलाओं में ज्योति अग्रवाल,ममता चौधरी ,सतपाल कौर,कमल,लवली लालवानी,प्रिया केसवानी,सुदामा,पूजा दत्त,मंजू तिवारी,नैना लाल ,मीणा नौटियाल,श्वेता श्रीवास्तव,निवेदिता,सोनू सिंह,ममता जोशी,उषा नौटियाल सहित कई महिलाएं शामिल रही।
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