हरिद्वार। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ नैतिक शिक्षा और चारित्रिक शिक्षा का होना भी जरूरी है। आज पूरे विश्व में भारत का डंका बज रहा है। आज देश की पहचान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से होती है। यह बात उन्होंने रामानंद इंस्टीट्यूट में आयोजित कार्यक्रम में कही। गुरुवार को रामानंद इंस्टीट्यूट फार्मेसी एंड मैनेजमेंट हरिद्वार में इंजीनियर डे धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने वेस्ट मटेरियल से मॉडल बनाकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। सोलर कार, हाइड्रोलिक पुल और जेसीबी मॉडल ने हर किसी को आश्चर्यचकित कर दिया। पेट्रोल के प्रयोग और तकनीकी निर्भरता पर छात्र-छात्राओं की वाद-विवाद प्रतियोगिता में कई निष्कर्ष निकल कर सामने हैं। कार्यक्रम का शुभारंभ बीटेक छात्र विकास की गणेश वंदना के साथ हुआ। मंत्री गणेश जोशी ने रामानंद इंस्टीट्यूट की प्रशंसा करते हुए कहा कि संस्थान के छात्र हर क्षेत्र में लगातार हरिद्वार और उत्तराखंड का नाम रोशन कर रहे हैं। उन्होंने इसके लिए संस्था के चेयरमैन श्रीमहंत रविंद्रपुरी और निदेशक वैभव शर्मा को बधाई दी। चेयरमैन और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पुरी ने बताया कि संस्थान में छात्र-छात्राओं को शिक्षा के साथ संस्कार भी प्रदान किए जाते हैं। निदेशक वैभव शर्मा ने कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी को स्मृति चिह्न देते हुए कॉलेज परिसर में पधारने पर धन्यवाद दिया और संस्थान की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष मनोज बंसल और सूरज राजपूत ने छात्र छात्राओं को इंजीनियर डे के बारे में बताया। इस दौरान वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। जिसमें शिक्षक अंकित कर्णवाल के नेतृत्व वाली राजनंदनी, माधव चौहान और आयुष चौधरी की टीम प्रथम,हर्ष,अनिवेश कर्णवाल, अभिषेक और विकास की द्वितीय स्थान पर रही। भाषण प्रतियोगिता में हर्ष प्रथम, महिमा द्वितीय और अभिषेक ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। जबकि, जंकयार्ड में शिक्षक सुशील गिरी के नेतृत्व में सोलर कार बनाने वाले बिलाल प्रथम और वाटरफॉल का मॉडल बनाने वाले साहिल व ओंकार द्वितीय रहे। इनके अलावा ट्रेजर हंट में पावर हाउस की टीम विजेता रही।टीम लीडर कोमल दिवाकर के निर्देशन में कुनाल, विपिन ,सचिन, निखिल ,आरजू,अनमोल,ओमकार और आकाश इस टीम में शामिल रहे।
112वॉ मुलतान जोत महोत्सव 7अगस्त को,लाखों श्रद्वालु बनेंगे साक्षी हरिद्वार। समाज मे आपसी भाईचारे और शांति को बढ़ावा देने के संकल्प के साथ शुरू हुई जोत महोसत्व का सफर पराधीन भारत से शुरू होकर स्वाधीन भारत मे भी जारी है। पाकिस्तान के मुल्तान प्रान्त से 1911 में भक्त रूपचंद जी द्वारा पैदल आकर गंगा में जोत प्रवाहित करने का सिलसिला शुरू हुआ जो आज भी अनवरत 112वे वर्ष में भी जारी है। इस सांस्कृतिक और सामाजिक परम्परा को जारी रखने का कार्य अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन बखूबी आगे बढ़ा रहे है। संगठन अध्यक्ष डॉ महेन्द्र नागपाल व अन्य पदाधिकारियो ने रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुल्तान जोत महोत्सव के संबंध मे वार्ता की। वार्ता के दौरान डॉ नागपाल ने बताया कि 7 अगस्त को धूमधाम से मुलतान जोट महोत्सव सम्पन्न होगा जिसके हजारों श्रद्धालु गवाह बनेंगे। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वी वर्षगांठ पर जोट महोत्सव को तिरंगा यात्रा के साथ जोड़ने का प्रयास होगा। श्रद्धालुओं द्वारा जगह जगह सुन्दर कांड का पाठ, हवन व प्रसाद वितरण होगा। गंगा जी का दुग्धाभिषेक, पूजन के साथ विशेष ज्योति गंगा जी को अर्पित करेगे।
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