हरिद्वार। सेवा भारती की ओर से गुरूवार को बैभवश्री योजना और किशोरी विकास प्रशिक्षण की एक दिवसीय कार्यशाला ऋषि कुल आयुर्वेदिक महाविद्यालय के ऑडिटोरियम में आयोजित की,जिसमें अभावग्रस्त जरूरतमंद परिवारों के 13 से 20 वर्ष की आयु तक की किशोरियों के उत्थान स्बावलंवन और व्यक्तिगत विकास के उद्देश्य को लेकर उनको प्रशिक्षित किया गया,इसका कार्यशाला में 14 स्वयं सहायता समूह सेवा भारती के 24 केंद्रों पर पड़ने वाली बालिकाएं 24 केंद्रों की शिक्षिकाएं और सेवा भारती के मात्र मंडल व कार्यकर्ता सदस्य शामिल हुए और यह सभी यहां से सेवा भारती के केंद्रों पर जाकर देवश्री योजना का सही से पालन कराने का कार्य करेंगे,कार्यशाला में जिला अध्यक्ष दिनेश चंद सकलानी कोषाध्यक्ष महेंद्र कुमार अग्रवाल समेत सेवा भारती के सभी कार्यकर्ताओं द्वारा सहयोग किया जा रहा है। सेवा भारती के जिलाध्यक्ष डॉ अजय पाठक ने कहा कि स्वयं को पहचाने स्वयं की ताकत को पहचाने है और संगठनात्मक रूप से महिलाओं की जो छोटी-छोटी बचत होती है उनको निवेश करके बहुत अच्छा कार्य चलाएं और बहनों को आत्मनिर्भर बनाएं इस उद्देश्य से इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है ,घर में महिला जो तकिया के नीचे गुल्लक में पैसे छिपा कर रखती हैं उनको बाहर निकाले और रोग ग्रस्त या शिक्षा के कार्य में लगाएं और जो पैसा बचा उसको निवेश करें और आत्मनिर्भर बनकर कार्य करें इससे घर घर में समृद्धि आएगी और परिवार बेभवशाली बनेगा। सेवा भारती के उपाध्यक्ष सुभाष चंद गोयल ने कहा कि सेवा भारती का उद्देश्य बच्चों को शिक्षित करने के साथ-साथ बच्चों को संस्कारित बनाना भी है आज सबसे ज्यादा संस्कार की जरूरत है और हमारा उद्देश बच्चों को पढ़ाई के साथ उनको संस्कार देना भी है हमारे लिए पढ़ाई दूसरी जरूरत है और संस्कार सबसे पहली जरूरत है और हम बच्चों को अगर हम संस्कारित करेंगे तो बच्चे उन्नति के मार्ग पर अग्रसर होंगे।
हरिद्वार। कुंभ में पहली बार गौ सेवा संस्थान श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा राजस्थान की ओर से गौ महिमा को भारतीय जनमानस में स्थापित करने के लिए वेद लक्ष्णा गो गंगा कृपा कल्याण महोत्सव का आयोजन किया गया है। महोत्सव का शुभारंभ उत्तराखंड गौ सेवा आयोग उपाध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, गो ऋषि दत्त शरणानंद, गोवत्स राधा कृष्ण, महंत रविंद्रानंद सरस्वती, ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने किया। महोत्सव के संबध में महंत रविंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य गौ महिमा को भारतीय जनमानस में पुनः स्थापित करना है। गौ माता की रचना सृष्टि की रचना के साथ ही हुई थी, गोमूत्र एंटीबायोटिक होता है जो शरीर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के हानिकारक विषाणुओ को समाप्त करता है, गो पंचगव्य का प्रयोग करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, शरीर मजबूत होता है रोगों से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी ने सभी को आतंकित किया है। परंतु जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है। कोरोना उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है। उन्होंने गो पंचगव्य की विशेषताएं बताते हुए कहा ...
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