हरिद्वार। उत्तराखंड सरकार में सरकारी भर्तियों में हो रहे फर्जीवाड़े की सीबीआई या हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से जांच करवाने की की मांग को लेकर चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति रजिस्टर्ड ने समिति के केंद्रीय संयोजक-महेश गोड़, व जिला अध्यक्ष जेपी बडोनी के संयुक्त नेतृत्व में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सिटी मजिस्ट्रेट हरिद्वार के द्वारा प्रतिनिधि नायब तहसीलदार के माध्यम से ज्ञापन दिया। ज्ञापन मे समिति ने मांग की है की यूकेएसएसएससी भर्ती व विधानसभा एवं सहकारी समितियों आदि विभागों में उजागर हो रहे भर्तियों के घोटाले से उत्तराखंड राज्य की बदनामी हो रही है और प्रदेश के लाखों ईमानदार मेहनती युवाओ के साथ धोखा हो रहा है और ऐसे युवाओं के अभिभावक चिंतित और कुंठा ग्रस्त हो रहें। गरीब व मध्यमवर्गीय अभिभावक अपना पेट काटकर अपने बच्चों को एजुकेशन दिलाते हैं,परंतु रूपए पैसा लेकर भर्ती कराने वाले रैकेट में शामिल कुछ भ्रष्ट अधिकारियों व कोचिंग संस्थानों के संचालकों एवं राजनीतिज्ञों के गठजोड़ जिसके तार यूपी तक जुड़े हैं। ऐसे माफियाओं ने गरीब और मध्यमवर्गीय युवाओं का सपना चकनाचूर कर दिया है। जिससे प्रदेश के युवाओं में भारी हताशा का माहौल है। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग व विधानसभा अध्यक्षों द्वारा की गई भर्तियों एवं सहकारी समितियों में हुई शंका ग्रस्त तमाम आदि नियुक्तियों को रद्द कर इसकी जांच सीबीआई अथवा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से करवाई जाए और सभी दोषियों को दंडित कर जेल भेजकर उनकी संपत्ति कुर्क की जाए, और उत्तराखंड के प्रतिष्ठा को दागदार होने से बचाया जाए। ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से समितिके केंद्रीय संयोजक महेश गौड़, समिति के जिलाध्यक्ष जे पी बडोनी, जिला महामंत्री रामदेव मौर्य, आनंद सिंह नेगी, सूर्यकांत भट्ट,आर एस मनराल,भीमसेन रावत,नत्थी लाल जुयाल,राजेश गुप्ता,दलबीर पोखरियाल,श्रीमती साधना नवानी, कमला पांडे,राधा बिस्ट,यशोदा भट्ट,बसंती पटवाल, कमला ढोढिंयाल,बलबीर सिंह नेगी आदि शामिल थे।
हरिद्वार। उत्तराखंड सरकार में सरकारी भर्तियों में हो रहे फर्जीवाड़े की सीबीआई या हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से जांच करवाने की की मांग को लेकर चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति रजिस्टर्ड ने समिति के केंद्रीय संयोजक-महेश गोड़, व जिला अध्यक्ष जेपी बडोनी के संयुक्त नेतृत्व में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सिटी मजिस्ट्रेट हरिद्वार के द्वारा प्रतिनिधि नायब तहसीलदार के माध्यम से ज्ञापन दिया। ज्ञापन मे समिति ने मांग की है की यूकेएसएसएससी भर्ती व विधानसभा एवं सहकारी समितियों आदि विभागों में उजागर हो रहे भर्तियों के घोटाले से उत्तराखंड राज्य की बदनामी हो रही है और प्रदेश के लाखों ईमानदार मेहनती युवाओ के साथ धोखा हो रहा है और ऐसे युवाओं के अभिभावक चिंतित और कुंठा ग्रस्त हो रहें। गरीब व मध्यमवर्गीय अभिभावक अपना पेट काटकर अपने बच्चों को एजुकेशन दिलाते हैं,परंतु रूपए पैसा लेकर भर्ती कराने वाले रैकेट में शामिल कुछ भ्रष्ट अधिकारियों व कोचिंग संस्थानों के संचालकों एवं राजनीतिज्ञों के गठजोड़ जिसके तार यूपी तक जुड़े हैं। ऐसे माफियाओं ने गरीब और मध्यमवर्गीय युवाओं का सपना चकनाचूर कर दिया है। जिससे प्रदेश के युवाओं में भारी हताशा का माहौल है। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग व विधानसभा अध्यक्षों द्वारा की गई भर्तियों एवं सहकारी समितियों में हुई शंका ग्रस्त तमाम आदि नियुक्तियों को रद्द कर इसकी जांच सीबीआई अथवा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से करवाई जाए और सभी दोषियों को दंडित कर जेल भेजकर उनकी संपत्ति कुर्क की जाए, और उत्तराखंड के प्रतिष्ठा को दागदार होने से बचाया जाए। ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से समितिके केंद्रीय संयोजक महेश गौड़, समिति के जिलाध्यक्ष जे पी बडोनी, जिला महामंत्री रामदेव मौर्य, आनंद सिंह नेगी, सूर्यकांत भट्ट,आर एस मनराल,भीमसेन रावत,नत्थी लाल जुयाल,राजेश गुप्ता,दलबीर पोखरियाल,श्रीमती साधना नवानी, कमला पांडे,राधा बिस्ट,यशोदा भट्ट,बसंती पटवाल, कमला ढोढिंयाल,बलबीर सिंह नेगी आदि शामिल थे।
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